Last Updated: Saturday, August 25, 2012, 22:04

कराईकुडी : वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कोयला ब्लॉक आवंटन के मुद्दे पर संसद की कार्यवाही बाधित करने के लिए आज भाजपा पर हमला बोलते हुए उससे पूछा कि वह चर्चा के लिए तैयार क्यों नहीं है तथा पार्टी को ललकारा कि वह राजग शासन के दौरान हुए आवंटनों पर प्रश्नों का सामना करे।
चिदंबरम ने कहा, यदि भाजपा के पास मजबूत दलील है तो वह इस मुद्दे पर संसद में चर्चा क्यों नहीं करती। चिदंबरम ने यह टिप्पणी भाजपा नेता अरुण जेटली के उस बयान पर की जिसमें भाजपा नेता ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि उनकी पार्टी संसद को तब तक चलने देने के मूड में नहीं है जब तक प्रधानमंत्री के त्यागपत्र की उसकी मांग पूरी नहीं हो जाती।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने राजधानी दिल्ली में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस मुद्दे पर राष्ट्रव्यापी बहस चल रही है लेकिन संसद में यह नहीं हो रही। जेटली ने कहा, हमारी रणनीति इस बात की इजाजत नहीं देती कि हम बिना किसी जवाबदेही के सरकार को इस बहस को निबटाने के लिए संसद का इस्तेमाल करने दें। हम चाहते हैं कि बहस आगे जारी रहे।
चिदंबरम ने कहा, मैं यही उनसे पूछना चाहूंगा। इस मुद्दे पर टेलीविजन के समक्ष चर्चा क्यों होनी चाहिए। संसद में क्यों नहीं। वह (जेटली) इस मुद्दे को संसद में क्यों नहीं उठाते। उन्होंने सवाल किया कि क्या भाजपा 1998-2004 के दौरान भाजपा नीत राजग सरकार के कार्यकाल में हुए कोयला ब्लॉक के आवंटनों पर चर्चा करने का तैयार है।
कोयला ब्लॉक के आवंटन के मुद्दे को लेकर संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही पूरे सप्ताह बाधित रही। इस दौरान भाजपा और राजग के अन्य सदस्यों ने व्यवधान उत्पन्न किया। भाजपा ने आगे भी संसद की कार्यवाही नहीं चलने देने की चेतावनी दी है।
चिदंबरम ने ‘कोई नुकसान नहीं’ होने के अपने सिद्धांत पर जेटली की आलोचना के जवाब में कहा कि जब कोयला खदान से निकाला और बेचा जाता है तब संभावित लाभ होता है। उन्होंने कहा, जब खनन हुआ नहीं है तब प्रकल्पित नुकसान या लाभ कहां से होगा। (एजेंसी)
First Published: Saturday, August 25, 2012, 22:03