Last Updated: Monday, May 6, 2013, 20:09
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली : कोयला ब्लॉक आवंटन रिपोर्ट पर अपना दूसरा हलफनामे सौंपते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अपनी जांच रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय और अन्य मंत्रियों से साझा करने पर सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय से बिना शर्त माफी मांगी
सीबीआई ने माना कि अश्विनी कुमार ने उसकी रिपोर्ट में बदलाव कराया। सीबीआई ने अपने हलफनामे में स्पीष्ट किया है कि सरकार से स्थिति रिपोर्ट साझा करने के बाद उसमें बदलाव किए गए थे। इस हलफनामे के बाद विपक्ष ने सरकार पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री और कानून मंत्री के इस्तीलफे की मांग तेज कर दी है। अब 8 मई को मामले की सुनवाई होगी।
याचिकाकर्ता एमएन शर्मा के वकील के मुताबिक सीबीआई के नौ पेज के हलफनामे में बताया गया है कि रिपोर्ट कोयला मंत्री, प्रधानमंत्री, एडीशनल सॉलीसिटर जनरल, अटॉर्नी जनरल से साझा की गई थी। यह भी बताया गया है कि कोयला मंत्री और पीएमओ के कहने पर रिपोर्ट में बदलाव किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए हलफनामे में कहा गया है कि कोयला घोटाले पर स्टेफटस रिपोर्ट को लेकर तीन बैठकें हुईं थीं। पहली बैठक कानून मंत्री अश्विनी कुमार के दफ्तर में, दूसरी अटॉर्नी जनरल, जबकि तीसरी बैठक सीबीआई के दफ्तर में हुई। बैठक में अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती और एडिशनल सॉलीसिटर जनरल हरिन पी रावल भी मौजूद थे लेकिन दोनों ने बदलाव के लिए कुछ नहीं कहा था।
वरिष्ठह वकील प्रशांत भूषण ने अटॉर्नी जनरल वाहनवती पर कोर्ट की अवमानना का आरोप लगाया है। प्रशांत भूषण के अनुसार वाहनवती ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि उन्होंनने स्टेसटस रिपोर्ट नहीं देखी है, जबकि रिपोर्ट पर हुई बैठकों में वो शामिल थे।
First Published: Monday, May 6, 2013, 20:09