Last Updated: Friday, December 9, 2011, 03:21
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी कोलकाता: कोलकाता महानगर में एक मल्टी स्पेशलिटी निजी अस्पताल में शुक्रवार तड़के आग लग जाने से 90 लोगों की दम घुटने से मौत हो गई। मृतकों में अधिकतर लोग रोगी हैं, जो हादसे के वक्त नींद में थे।
यह भीषण हादसा दक्षिण कोलकाता के घनी आबादी वाले ढाकुरिया इलाके में स्थित एएमआरआई अस्पताल के बेसमेंट में संभवत: रखी ज्वलनशील सामग्री में आग लगने के बाद हुआ। आग को सबसे पहले स्थानीय निवासियों ने तड़के साढ़े तीन बजे देखा लेकिन अस्पताल के मुख्य द्वार पर सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया।
आग तेजी से फैल गई और जहरीला धुआं एयरकंडीशन की नलिकाओं के जरिए सात मंजिले अस्पताल के कमरों और बरामदों में भर गया। अधिकतर लोगों की दम घुटने से मौत हुई। मृतकों में अस्पताल के चार कर्मचारियों को छोड़कर शेष लोग रोगी हैं, जो चल फिर तक नहीं सकते थे। मृतकों में कैंसर से पीड़ित 80 साल का एक व्यक्ति कांग्रेस नेता अजय घोषाल और 65 वर्षीय बांग्लादेशी नागरिक गौरंग मंडल भी शामिल हैं।
अस्पताल में धुआं भर गया था और रोगी वहां से बाहर निकलने के लिए मशक्कत कर रहे थे। वहीं आग की लपटों को देखकर अस्पताल के कर्मचारी भाग खड़े हुए। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि आग लगने के दो घंटे बाद दमकल गाड़ियां मौके पर आइर्ं। संयुक्त पुलिस आयुक्त दमयंती सेन ने कहा कि अस्पताल के बोर्ड के सात सदस्यों को गैर इरादन हत्या और लापरवाही बरतने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इनमें जाने माने उद्योगपति एस के तोदी भी शामिल हैं।
अस्पताल का दृश्य अभी भी भयावह है क्योंकि मुख्य इमारत की दूसरी मंजिल के एक ऑपरेशन थियेटर के फर्श पर शव बिखरे पड़े हैं जबकि वहां मौजूद उनके रिश्तेदार अपने रिश्तेदारों के सलामती की दुआएं कर रहे हैं।
खान ने बताया कि पास के लेक पुलिस थाना को सबसे पहले सूचना चार बजकर 10 मिनट पर मिली, इसके 10 मिनट के अंदर अग्निशमन कर्मी ढाकुरिया स्थित एएमआरआई अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने बताया कि एसी की नलिकाओं के जरिए धुआं फैल गया लेकिन सौभाग्य से ऑक्सीजन सिलेंडरों को आग के प्रसार क्षेत्र से हटा लिया गया।
अग्निशमन सेवा और आपदा प्रबंधन मंत्री जावेद खान ने संवाददातओं को बताया कि अधिकतर लोगों की मौत दम घुटने से हुई। आपदा प्रबंधन मंत्री जावेद ने बताया कि अधिकतर मौतें दम घुटने के चलते हुई।
कोलकाता पुलिस आयुक्त आरके पंचनंदा ने बताया कि हादसे में मरने वाले 89 लोगों में 85 रोगी थे जबकि चार अस्पताल के कर्मी हैं। चार शवों को उनके रिश्तेदारों को सौंप दिया गया है।
शहर के पुलिस सूत्रों ने बताया कि बाद में एएमआरआई अस्पताल से एक व्यक्ति को बचाया गया और एक निजी अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन उसकी मौत हो गई। यह स्पष्ट नहीं है कि किस कारण आग लगी लेकिन बेसमेंट में ज्वलनशील पदाथरें के जमा होने के चलते आग की लपटें फैली।खान ने बताया कि एक मंजिल से दूसरी मंजिल पर आग के फैलने की शुरूआत होने के तुरंत बाद चिकित्सक, नर्स और अस्पताल के कर्मचारी भाग गए। अग्निशमन विभाग के सूत्रों ने बताया कि इमारत से धुआं बाहर निकलने के बीच दमकलकर्मियों ने खिड़कियों के कांच सीढ़ियों के जरिए तोड़ा और उसे टिका दिया ताकि आईसीयू , आईसीसीयू, गहन चिकित्सा इकाई और गहन देखभाल इकाई के अंदर फंसे रोगियों को बचाया जा सके। दमकलकर्मियों ने उपरी मंजिल पर फंसे लोगों को गरारी के जरिए बचाया गया क्योंकि वे लोग सीढ़ी से उतर पाने में सक्षम नहीं थे। दमकलकर्मियों ने इमारत के चारों ओर सीढ़ीयां लगाई थीं।
अस्पताल का दौरा करने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले की जांच के आदेश दिये। इसके साथ ही उन्होंने अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने के भी आदेश दिये।
उन्होंने कहा, ‘मेरी घोषणा के तहत दोषियों को पकड़ा जाएगा।’’ उद्योगपति एसके तोदी और आर एस अग्रवाल के अलावा आरएस गोयनका, रवि गोयनका, मनीष गोयनका, प्रशांत गोयनका और दयानंद अग्रवाल को भी गिरफ्तार किया गया है। यह लोग अस्पताल के बोर्ड में शामिल हैं। अस्पताल में इलाज करा रहे बोर्ड के अन्य सदस्य आर एस अग्रवाल को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
आर एस अग्रवाल को छोड़कर सभी गिरफ्तार लोगों को आज अदालत में पेश किया जाएगा।
First Published: Saturday, December 10, 2011, 09:34