Last Updated: Sunday, September 2, 2012, 00:00

नई दिल्ली : कोल ब्लॉक आवंटन के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध को थामने के प्रयास के तहत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज से फोन पर बात की लेकिन इसके बावजूद गतिरोध खत्म होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। हालांकि भाजपा ने अपने रुख में नरमी के संकेत दिये हैं।
सुषमा ने इस बातचीत के बारे में ट्वीट किया, 'मीडिया के दोस्त मुझसे लगातार पूछे जा रहे हैं कि क्या सोनिया गांधी ने मुझसे बात की और यदि बात की तो दोनों के बीच क्या बातचीत हुई। जी हां, सोनिया गांधी ने मुझसे फोन पर बात की। वह चाहती थीं कि चर्चा पर सहमति बने और संसद में जारी गतिरोध दूर हो। मैंने उनसे कहा कि सरकार पहले सभी कोल ब्लॉक आवंटनों को रद्द करे और इनकी स्वतंत्र जांच की घोषणा करे। इसके बाद ही चर्चा पर सहमति बन सकती है।'
सुषमा का यह कहना इस बात का संकेत है कि पार्टी प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग से पीछे हटने और चर्चा को तैयार है बशर्ते कि सरकार कोल ब्लॉक आवंटनों को रद्द करे और इनकी स्वतंत्र जांच की घोषणा करे। हालांकि पार्टी नेताओं ने शनिवार को दोहराया कि संसद की कार्यवाही तभी चलेगी जब प्रधानमंत्री इस्तीफा दे देंगे।
बहरहाल, यदि कांग्रेस भाजपा की शेष दो मांगों को मान लेती है तो संसद की कार्यवाही अगले सप्ताह चल सकती है। गतिरोध थामने के मद्देनजर भाजपा यदि अपने रुख से एक कदम पीछे हटती है तो कांग्रेस को भी उसकी मांगों के मद्देनजर पीछे हटना होगा तभी संसद में जारी गतिरोध थम सकेगा।
ज्ञात हो कि इस मुद्दे पर हंगामे के चलते संसद में पिछले दो हफ्ते से कार्यवाही नहीं हो रही है। भाजपा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे पर अड़ी हुई है जबकि कांग्रेस ने दो टूक कहा है कि प्रधानमंत्री के इस्तीफे का सवाल ही पैदा नहीं होता। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एम. वेंकैया नायडू ने चेन्नई में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जब तक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस्तीफा नहीं दे देते तब तक उनकी पार्टी संसद नहीं चलने देगी।
नायडू ने कहा कि जब तक प्रधानमंत्री इस्तीफा नहीं दे देते, सभी कोल ब्लॉक आवंटन रद्द नहीं किए जाते और निष्पक्ष जांच नहीं कराई जाती तब तक भाजपा इस लड़ाई को सड़कों पर लड़ेगी।
नायडू ने कहा, 'जब तक प्रधानमंत्री अपना इस्तीफा नहीं दे देते हम संसद की कार्यवाही बाधित करते रहेंगे।' उन्होंने कहा कि इस सरकार को जाना चाहिए क्योंकि उसके राज में एक से बढ़कर एक घोटाले हुए हैं और वह आर्थिक और कृषि के मोर्चे पर भी विफल रही है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, September 1, 2012, 16:44