कोलगेट में क्या पीएमओ से भी होगी पूछताछ?

कोलगेट में क्या पीएमओ से भी होगी पूछताछ?

कोलगेट में क्या पीएमओ से भी होगी पूछताछ?नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व मंत्री नवीन जिंदल के बहाने कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले का सच खुलने लगा है। सरकार के मंत्रियों के बीच करोड़ों की रिश्वत और अरबों के प्राकृतिक संसाधनों की लूट की कहानी जनता के सामने आ चुकी है। आरएसएस के मुख्यपत्र पांचजण्य की संपादकीय के अनुसार कोयला खदान आवंटन में किसी भी गड़बड़ी की बात नकारने वाले और अपने मंत्रालय के हर फैसले की जिम्मेदारी लेने वाले प्रधानमंत्री इस घोटाले से बच नहीं सकते। प्रधानमंत्री, राज्यमंत्री और पूर्वमंत्री की इन जुड़ती कड़ियों में एक अन्य कांग्रेस शासित राज्य, राजस्थान भी है जहां बाड़मेर जिले में जिंदल समूह की ही फर्म राजवेस्ट पावर प्रोजेक्ट और इसी समूह से जुड़ी साउथ वेस्ट माइनिंग की मिलीभगत से हजारों करोड़ रुपए के राजस्व नुकसान और एक अलग ही घोटाले की खबरें आई हैं।

पांचजण्य ने अपनी संपादकीय में इस बात को रेखांकित किया है कि राजस्थान विद्युत नियामक आयोग द्वारा साउथ वेस्ट के खनन ठेके निरस्त करने के आदेश को ठेंगा दिखाते इस समूह के संदिग्ध कामकाज पर जांच एजेंसी की निगाह जरूर गई होगी। जिंदल समूह को छोड़कर जांच एजेंसियों ने अब तक किसी बड़ी मछली पर हाथ नहीं डाला है। संपादकीय में पूछा गया है कि इस मामले में शामिल बाकी `हस्तियों` पर कब ध्यान दिया जाएगा। क्या आवंटन प्रक्रिया में शामिल प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों से जांच एजेंसियां पूछताछ करेंगी? निष्पक्षता का तकाजा है कि जांच में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए।

संपादकीय में इस पूरे मामले में प्रधानमंत्री की भूमिका पर भी सवाल उठाया गया है। लेख के मुताबिक `सीबीआई छापेमारी और जिंदल व दासारी नारायण राव पर खबरों की बमबारी के बीच प्रधानमंत्री बच नहीं सकते। आवंटन के एवज में जिंदल समूह द्वारा दी गई सवा दो करोड़ रुपए रिश्वत की कहानी खंगालने के दौरान यह चौंकाने वाला तथ्य भी सामने आता है कि 2004 से 2009 के दौरान जब-जब डॉ. मनमोहन सिंह ने कोयला मंत्रालय थामा, राज्यमंत्री यूपीए घटक दलों का नहीं, बल्कि उन्हीं की पार्टी का रहा`।

कांग्रेस 1.87 लाख करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन करने वाली `कैग` रिपोर्ट को झूठा कहती रही, सरकार की वकालत करते मंत्री देश को `जीरो लॉस` का सिद्धांत पढ़ाते रहे। मगर एक-एककर घोटाले की पर्तें उघड़नी शुरू हो गई हैं।

First Published: Saturday, June 15, 2013, 19:55

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