कोलगेट से जुड़े सवालों पर SC में सरकार निरुत्तर

कोलगेट से जुड़े सवालों पर SC में सरकार निरुत्तर

कोलगेट से जुड़े सवालों पर SC में सरकार निरुत्तरनई दिल्ली : विवादास्पद कोयला खदानों के आवंटनों का बचाव कर रही केन्द्र सरकार आज उच्चतम न्यायालय के अनेक सवालों का जवाब नहीं दे पायी। न्यायालय ने इस स्थिति पर नाराजगी व्यक्त करते हुये सुनवाई स्थगित कर दी और अटार्नी जनरल गुलाम वाहनवती से कहा कि सरकारी रिकार्ड के साथ पूरी तैयारी से आएं।

न्यायमूर्ति आर एम लोढा, न्यामयूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ की तीन सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष सवालों के जवाब देने में आ रही दिक्कतों के बाद केन्द्र सरकार ने इनके स्पष्टीकरण के लिए 24 सितंबर तक का वक्त देने का अनुरोध किया। न्यायाधीश जानना चाहते थे कि कोल इंडिया लिमिटेड की कोयला खदानों को सरकार निजी कंपनियों को कैसे आवंटित कर सकती है।

न्यायाधीशों ने कहा, ‘यदि कोल इंडिया और सेन्ट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट लिमिटेड द्वारा चिह्नित ये कोयला खदानें कोल इंडिया लिमिटेड के पट्टा क्षेत्र का हिस्सा हैं तो दूसरी कंपनियों के हितों का सृजन कैसे किया जा सकता है।’ अटार्नी जनरल ने इस बारे में अनभिज्ञता व्यक्त की क्योंकि यह मसला पहले नहीं उठा था। उन्होंने कहा कि वह इस तथ्य का पता लगाकर सुनवाई की अगली तारीख पर न्यायालय को अवगत कराएंगे। न्यायालय ने कहा कि इस प्रकरण के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण मसला है और इस बारे में सरकार के स्पष्टीकरण के बगैर आगे नहीं बढ़ा जा सकता है।

न्यायाधीशों ने जनहित याचिकाओं पर सुनवाई 24 सितंबर के लिए स्थगित करते हुए कहा, ‘इस मुद्दे पर सरकार की स्थिति साफ होनी चाहिए।’ न्यायालय ने अटार्नी जनरल से कहा कि सेन्ट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट लिमिटेड चिह्नित कोयला खदानों की सभी पुस्तिकाएं और केन्द्र द्वारा कंपनियों के आवेदन स्वीकार करने का विवरण मुहैया कराया जाए। शीर्ष अदालत इन कोयला खदानों के आवंटन रद्द करने के लिए दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, September 18, 2013, 19:44

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