क्या है कैश फॉर वोट मामला? - Zee News हिंदी

क्या है कैश फॉर वोट मामला?



कैश फॉर वोट मामला जुलाई, 2008 का है जब अमरीका से परमाणु समझौते के विरोध में यूपीए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव यानी नो कॉन्फिडेंस मोशन आया था.

मनमोहन सिंह की अगुआई वाली यूपीए एक को विश्वास मत हासिल करना था. इस दौरान भाजपा सांसदों ने नोटों का बंडल सदन में लहराते हुए सरकार पर सांसदों को रिश्वत देने का आरोप लगाया था. इस घटना से संसद में अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई थी.

संसद में हुई इस शर्मनाक घटना को नोट के बदले वोट कांड के नाम से जाना जाता है.

22 जुलाई 2008 को मनमोहन सिंह सरकार संकट में आ गई थी. सरकार को संसद में विश्वासमत हासिल करना था. इसी दौरान भाजपा के तीन सांसदों अशोक अर्गल, फग्गन सिंह कुलस्ते और महावीर सिंह भगोरा ने संसद में एक करोड़ रुपए के नोट लहराते हुए वोट की खरीद-फरोख्त की साजिश का आरोप लगाया था.

भगोरा, कुलास्ते और अर्गल ने आरोप लगाया था कि अमर सिंह ने उनके यहां पैसे भिजवाए ताकि वे न्यूक्लियर बिल पर वोटिंग के दौरान मनमोहन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में वोट डाल दें.

बाद में हुए एक स्टिंग ऑपरेशन में अमर सिंह के नजदीकी संजीव सक्सेना का नाम भी इस मामले में सामने आया था. पहले इसकी जांच संसदीय समिति ने की और 2009 में ये मामला दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंप दिया था.

अब इस मामले में दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने अमर सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते और महावीर सिंह भगोरा को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

First Published: Tuesday, September 6, 2011, 18:19

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