Last Updated: Friday, February 22, 2013, 19:22

नई दिल्ली : पिछले साल दवाओं के चिकित्सकीय परीक्षण (क्लीनिकल ट्रायल्स) के दौरान हर हफ्ते आठ से अधिक लोगों की जान गई। हालांकि सरकार को अभी तय करना है कि कितनी मौतें ऐसे परीक्षणों की वजह से हुई।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने आज लोकसभा को बताया कि क्लीनिकल ट्रायल्स के मामलों में 2011 में 438, 2010 में 22 लोगों की मौत हुई। उन्होंने एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि 2012 में ऐसे मामलों की जांच की जा रही है और अनुमान है कि ये आंकड़े इसके ठीक एक साल पहले के ही लगभग बराबर होंगे। ऐसे परीक्षणों की मंजूरी के मामलों में हालांकि 2012 में कमी आयी है। (एजेंसी)
First Published: Friday, February 22, 2013, 19:22