'खाद्य विधेयक में मौजूदा खाद्यान्न आवंटन बरकरार रहेगा'

'खाद्य विधेयक में मौजूदा खाद्यान्न आवंटन बरकरार रहेगा'

नई दिल्ली : खाद्य विधेयक के प्रावधानों पर विभिन्न राज्यों की आपत्तियों के बाद केन्द्र ने आज उन्हें आश्वस्त किया कि वह संशोधित विधेयक में अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) और मौजूदा खाद्यान्न आवंटन व्यवस्था को जारी रखेगा। इस विधेयक के संसद के बजट सत्र में प्रस्तुत किये जाने की संभावना है।

मौजूदा समय में एएवाई के तहत अति निर्धन लोगों को प्रति परिवार प्रति माह 35 किग्रा खाद्यान्न प्राप्त होता है जिसमें उसे दो रुपये किलो की दर से गेहूं और तीन रुपये किलो की दर से चावल मिलता है। खाद्य मंत्री केवी थॉमस ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'कल, राज्यों के साथ हमारी लंबी बातचीत हुई। तमिलनाडु को छोड़कर बाकी राज्यों ने अपने सुझावों के साथ विधेयक का स्वागत किया। राज्यों का मानना है कि एएवाई को बचाए रखने की जरूरत है। हम भी ऐसा ही मानते हैं।'

प्रस्तावित खाद्य विधेयक पर राज्यों के खाद्य मंत्रियों की परामर्श बैठक के नतीजे का ब्यौरा देते हुए उन्होंने कहा, 'राज्यों ने खाद्यान्न की मौजूदा आवंटन व्यवस्था को भी संरक्षित रखने की सलाह दी है। हम इस बारे में करीब करीब सहमत हैं बशर्ते कि मंत्रिमंडल इसे मंजूर कर ले।' थॉमस ने कहा कि केन्द्र ने अभी तक खाद्यान्न की निश्चित मात्रा का कानूनी अधिकार देने के बारे में अपने नजरिये को सुदृढ़ नहीं किया है कि यह मात्रा प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किग्रा हो या 7 किग्रा की।

उन्होंने कहा, 'ये नीतिगत निर्णय हैं और वार्ता के बाद ही इनपर विचार किया जाएगा।' संसदीय समिति ने एकल श्रेणी का सुझाव दिया है जहां प्रति व्यक्ति प्रतिमाह एक समान दर पर 5 किग्रा खाद्यान्न आवंटन किया जाए। इसमें गेहूं के लिए 2 रुपए प्रति किग्रा और चावल के लिए 3 रुपए प्रति किग्रा की एक समान दर होगी। केन्द्र ने प्राथमिकता वाले परिवारों के लिए प्रति व्यक्ति 7 किग्रा खाद्यान्न आवंटन का प्रस्ताव किया है जबकि आम परिवारों को समर्थन मूल्य से आधी कीमत पर प्रति व्यक्ति 3 किलोग्राम खाद्यान्न देने का प्रस्ताव किया गया है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, February 14, 2013, 16:41

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