Last Updated: Saturday, July 6, 2013, 18:05
नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय में विवादास्पद खाद्य सुरक्षा अध्यादेश को निरस्त कराने के मकसद से आज एक जनहित याचिका दायर की गयी। यह याचिका इस आधार पर दायर की गयी कि इससे चुनाव पूर्व प्रचार एवं राजनीतिक लाभ के लिए संवैधानिक प्रावधान का दुरूपयोग किया गया है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कल खाद्य सुरक्षा अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिये थे इसके जरिये देश की दो तिहाई आबादी को प्रति माह 1.3 रूपये प्रति किलो की अत्यधिक रियायती दर पर पांच किलोग्राम अनाज का अधिकार मिल जायेगा। वकील एम एल शर्मा ने यह याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि संविधान का अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति के उस अधिकार से संबंधित है जिसमें संसद के अवकाश के दौरान अध्यादेश जारी किया जा सकता है। याचिका में कहा गया कि इस अधिकार का दुरूपयोग किया गया क्योंकि ‘कोई आपात स्थिति’ नहीं है।
अध्यादेश निरस्त करने का अनुरोध करते हुए याचिका में कहा गया कि इस अध्यादेश को जारी करने के लिए कोई आपात परिस्थितियां नहीं थीं लिहाजा यह अनुच्छेद 123 की शर्तों के अनुरूप नहीं है। परिणामस्वरूप अधिसूचना असंवैधानिक है और इसे असंवैधानिक एवं अमान्य घोषित कर दिया जाना चाहिए। यचिका में कई सवाल उठाये गये जिसमें यह भी शामिल है कि क्या सरकार किसी आपात स्थिति के बिना अनुच्छेद 123 का प्रयोग कर सकती है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, July 6, 2013, 18:05