Last Updated: Wednesday, May 8, 2013, 15:26
नई दिल्ली : संसद के बजट सत्र के निर्धारित समय से दो दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो जाने से सरकार के महत्वाकांक्षी और बहुप्रतीक्षित ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक ’ का भविष्य अधर में लटक गया है।
सरकार पिछले दो दिन से इस विधेयक पर चर्चा कराने का प्रयास कर रही थी और सदन की आज की कार्यसूची में भी यह विधेयक विचार तथा पारित किए जाने के लिए सूचीबद्ध था। लेकिन अब यह विधेयक संसद के मानसून सत्र तक अटक गया है।
कोल ब्लाक आवंटन, रेल रिश्वत कांड, सीबीआई रिपोर्ट, 1984 के दंगों की विशेष जांच दल से जांच कराने की मांग तथा सच्चर समिति की सिफारिशों को लागू करने की मांग को लेकर क्रमश: भाजपा और वामदलों, शिरोमणि अकाली दल तथा सपा सदस्यों द्वारा किए जा रहे हंगामे के बीच सरकार ने विधेयक पर कल अधूरी चर्चा को आगे बढ़ाने का प्रयास किया था।
कल कांग्रेस के भक्त चरण दास ने अधूरी चर्चा को आगे बढ़ाया भी लेकिन पीठासीन सभापति फा्रंसिस्को सारदिन्हा सदस्यों का हंगामा बढ़ते देख बैठक कुछ ही देर बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी थी। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक को संशोधनों के साथ पिछले हफ्ते सदन में रखा गया था लेकिन विभिन्न मुद्दों को लेकर सदन में चल रहे हंगामें के कारण उस पर चर्चा शुरू नहीं हो पाई थी। इस विधेयक में देश की 67 प्रतिशत आबादी को एक से तीन रूपए प्रति किलो की दर पर पांच किलो अनाज देने का प्रावधान है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 8, 2013, 15:26