Last Updated: Saturday, February 11, 2012, 16:12
ज़ी न्यूज ब्यूरोनई दिल्ली : अल्पसंख्यक आरक्षण संबंधी टिप्पणी पर निंदा किए जाने के बाद भी कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के इस विषय पर बयान देने पर सख्त आपत्ति जताते हुए चुनाव आयोग ने शनिवार रात कानून मंत्री के खिलाफ राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को पत्र लिखा और तत्काल उनके निर्णायक हस्तक्षेप की मांग की। खबर है कि राष्ट्रपति ने तत्काल इस चिट्ठी को प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दी है।
चुनाव आयोग ने कहा है कि संवैधानिक इकाई की एक केंद्रीय मंत्री द्वारा अवज्ञा अप्रत्याशित है तथा उनके अनुचित और गैरकानूनी कृत्य से संवैधानिक प्राधिकारों के कामकाज के बीच नाजुक संतुलन पर दबाव बन गया है। खुर्शीद ने दिन में बयान दिया था कि ‘यदि वे (चुनाव आयोग) मुझे फांसी भी दे देते हैं’ फिर भी वह अल्पसंख्यकों के लिए 9 फीसदी के उप आरक्षण के रूख पर बढ़ते रहेंगे। उसके बाद रात में चुनाव आयोग की आपात बैठक हुई और आयोग ने कड़े शब्दों में दो पृष्ठ का एक पत्र राष्ट्रपति को भेजा।
चुनाव आयोग ने इससे पहले खुर्शीद की ऐसे ही बयान के लिए निंदा की थी और उसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करार दिया था। खुर्शीद ने 8 जनवरी को अल्पसंख्यक उप आरक्षण का बयान दिया था। चुनाव आयोग ने अपने पत्र में लिखा है, ‘आयोग इस बात से स्तब्ध है कि आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के बारे में अफसोस होने के बजाय मंत्री ने अवज्ञाकारी और आक्रामक रूख अपनाया। यह अप्रत्याशित है। आदर्श आचार संहिता पर सभी राजनीतिक दलों की सहमति है और उच्चतम न्यायालय की भी मुहर लगी हुई है।’
इससे पहले भाजपा ने शनिवार को चुनाव आयोग से खुर्शीद के उपकोटा संबंधी बयान पर अड़े रहने की शिकायत की थी और कहा था कि चुनाव आयोग को महज निंदा करने के बजाय खुर्शीद के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाने की जरूरत है। बिहार चुनाव में लालू प्रसाद यादव के निर्वाचन क्षेत्र में केंद्रीय मत्रियों को प्रचार से दूर रखने के आयोग के पिछले आदेश का हवाला देते हुए भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘यह बिल्कुल ही उपयुक्त मामला है जहां चुनाव आयोग खुर्शीद पर चुनाव प्रक्रिया के दौरान उत्तर प्रदेश में प्रवेश पर रोक लगा सकता है।
First Published: Sunday, February 12, 2012, 11:20