Last Updated: Tuesday, October 23, 2012, 15:48

नई दिल्ली: भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी की कंपनियों में नियमितताओं के आरोपों की खबरों के मद्देनजर सरकार ने मंगलवार को कहा कि इस मामले में पड़ताल की जाएगी। भाजपा ने सरकार के इस रुख को पक्षपातपूर्ण बताया।
कापरेरेट मामलों के मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने कहा कि गडकरी की कंपनियों में कथित अनियमितताओं पर जानकारी सार्वजनिक होने के बाद कंपनी पंजीयक (रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज) निश्चित तौर पर इस बाबत छानबीन करेंगे।
मोइली ने कहा, ‘हमने कोई आदेश नहीं दिया है। यह सब अखबारों में आ रहा है। यह मामला सार्वजनिक होने के बाद हमने अपने मंत्रालय से कहा कि असलियत का पता लगाने के लिए ठोस पड़ताल की जाए। क्या कंपनी अधिनियम का कोई उल्लंघन तो नहीं हुआ है।’
जब संवाददाताओं ने मंत्री से पूछा कि क्या कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा के व्यापारिक सौदों की जांच की जाएगी तो मोइली ने कहा कि दोनों मुद्दे अलग हैं और उनके बीच कोई संबंध नहीं है।
खबरों में गडकरी द्वारा संचालित पूर्ति पावर एंड शुगर लिमिटेड के लिए धन के स्रोत पर सवाल खड़े किये गये हैं। मीडिया की छानबीन में यह बात पता चली है कि पूर्ति में अधिकतर निवेश और बड़े लोन निर्माण कंपनी आइडियल रोड बिल्डर्स (आईआरबी) समूह की ओर से दिये गये। इस कंपनी को 1995 से 1999 के बीच ठेके मिले थे जब गडकरी महाराष्ट्र के लोक निर्माण विभाग मंत्री थे।
गडकरी ने आरोपों को खारिज कर दिया और खुद को तथा अपनी कंपनियों को किसी भी जांच के लिए तैयार बताया।
भाजपा ने गडकरी के बचाव में उतरते हुए कहा कि वह पूरी तरह उनके साथ है और उनकी इस पेशकश का समर्थन करती है कि उन पर लगे इल्जामों की किसी सक्षम निकाय से जांच करा ली जाए। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 23, 2012, 12:58