Last Updated: Friday, May 25, 2012, 15:06
ज़ी न्यूज ब्यूरोमुंबई : भाजपा के अंदर का कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पार्टी एक विवाद को निपटाती है तो फिर दूसरा खड़ा हो जाता है। संजय जोशी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफे के बाद जब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल हुए तो पार्टी ने राहत की सांस ली लेकिन जब नितिन गडकरी को दूसरी बार अध्यक्ष बनाने के लिए पार्टी संविधान में संशोधन का प्रस्ताव पारित हुआ तो कहते हैं कि आडवाणी नाराज हो गए है।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से गायब रहने वाले आडवाणी शुक्रवार को होने वाली पार्टी की रैली में भी शामिल नहीं होंगे। आडवाणी रैली में शामिल न होकर दिल्ली लौट सकते हैं। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि सुषमा स्वराज भी रैली में शामिल नहीं हो रही हैं। ऐसा पहली बार है जब आडवाणी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बाद होने वाली रैली में शामिल नहीं होंगे। हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि आडवाणी का दिल्ली में कार्यक्रम पहले से तय था।
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, आडवाणी पार्टी में संघ की बढ़ती दखलअंदाजी से भी नाराज हैं। आडवाणी का मानना है कि संघ के दबाव में नितिन गडकरी को दूसरी बार भाजपा अध्यक्ष बनाने के लिए पार्टी के संविधान में संशोधन किया गया है। आडवाणी को लगता है कि 2009 के बाद से संघ ने उनके पर कतर दिए हैं।
बताया जा रहा है कि आडवाणी कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की ओर से नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बताए जाने से भी नाराज है। आडवाणी शुरू से ही येदियुरप्पा के खिलाफ रहे हैं। मालूम हो कि अनंत कुमार के बहाने येदियुरप्पा ने आडवाणी पर निशाना साधा था।
First Published: Friday, May 25, 2012, 15:06