Last Updated: Monday, October 3, 2011, 10:40
ज़ी न्यूज़ ब्यूरोनई दिल्ली: योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा है कि गरीबी रेखा के संदर्भ में अब पुराने आंकड़े तय नहीं होंगे. उन्होंने दिल्ली में सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जातिगत जनगणना के आधार पर फिर से गरीबों की गिनती होगी. उन्होंने योजना आयोग पर गरीबी दिखाने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया.
उन्होंने कहा कि गरीबी रेखा के लिए नया आधार बनेगा और यह एक सर्वे से तय होगा जिसे ग्रामीण विकास मंत्रालय कराएगी. अहलूवालिया के साथ ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा है कि यह सर्वे जनवरी, 2012 तक पूरा कर लिया जाएगा.
योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया कहा कि सामाजिक-आर्थिक आधार पर देश में फिर से सर्वेक्षण किया जाएगा. इसके तहत ग्रामीण इलाकों में गरीबों की गिनती होगी. अहलूवालिया के मुताबिक इसी सर्वे के आधार पर कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा. वहीं, रमेश के मुताबिक जातिगत जनगणना के साथ ही इस सर्वे का काम ग्रामीण विकास मंत्रालय कराएगा.
दरअसल योजना आयोग के फॉर्मूले के मुताबिक शहरी इलाकों में 32 रुपए प्रति व्यक्ति और ग्रामीण इलाकों में 26 रुपए प्रति व्यक्ति प्रतिदिन से अधिक आय वालों को गरीब नहीं माना गया है. इस हलफनामें से देशभर में काफी तीखी प्रतिक्रिया हुई थी. न केवल आम आदमी बल्कि राजनीतिक दलों और देश के अर्थशास्त्रियों ने भी इस आंकड़े को अस्वीकार किया था तथा गरीबी के साथ मजाक बताया था.
First Published: Monday, October 3, 2011, 16:41