Last Updated: Friday, March 23, 2012, 08:16
नई दिल्ली : गरीबी पर योजना आयोग के नए मानक पर विपक्ष के हमलों का सामना करने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को कहा कि देश में गरीबी का आकलन करने के लिए सरकार नए पद्धतियों पर विचार करेगी। पद्म अलंकरण समारोह से इतर प्रधानमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि हमने एक समूह का गठन किया है जो गरीबी का आकलन करने के लिए एक नई पद्धति पर विचार करेगा। इस मसले पर बहुस्तरीय दृष्टिकोण की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि तेंदुलकर समिति की रिपोर्ट जो जनसंख्या के 37.5 फीसदी आबादी को गरीब बताती है और गरीबी से सम्बंधित अन्य अनुमान सम्पूर्ण नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि योजना आयोग ने अपने हाल के आंकड़ों में कहा कि शहरी इलाकों में रोजाना 28 रुपये से अधिक कमाने वाले और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन 22 रुपये से अधिक आय करने वाले लोग गरीब नहीं है। आयोग के इस आकलन की तीखी आलोचना हुई है।
(एजेंसी)
First Published: Friday, March 23, 2012, 15:46