Last Updated: Friday, November 18, 2011, 10:46
नई दिल्ली : केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास तथा दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने न्याय की लड़ाई को जमीनी स्तर पर लड़े जाने पर जोर देते हुए शुक्रवार को कहा कि गरीबों और समाज के वंचित तबके के लोगों को न्याय मिल सके इसके लिए हमें अलग तरीका ढूंढना होगा।
सिब्बल ने भारत सरकार और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि पढ़े लिखे लोग भी कानून को बहुत ज्यादा नहीं जानते हैं, लेकिन जिन्हें कभी शिक्षा ही नहीं मिली उनकी कानून के प्रति क्या समझ होगी यह हमारे सामने बेहद गंभीर समस्या है। इसलिए न्याय की लड़ाई जमीनी स्तर पर लड़ी जानी है।
उन्होंने कहा कि समाज के गरीब तबके के समक्ष न्याय की लड़ाई में कई बाधाएं हैं यथा सामाजिक, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक बाधाएं और ये सभी बाधाएं विशुद्ध और भयानक गरीबी के कारण पैदा होती हैं। इसलिए विधिक शिक्षा इस लड़ाई का महज इसका एक हिस्सा है। हमें आयाम की जटिलताओं पर गौर करने की आवश्यकता है। हमें सामूहिक विवेक की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि न्याय समझौते, सहयोग और बातचीत से निकले।
इस बात पर जोर देकर कहा कि अनेक समस्याएं बातचीत के जरिए सुलझाई जा सकती हैं। समाज के हाशिए पर रहने वाले तबके को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूक करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए लेकिन गरीबों तक न्याय पहुंच सके इसके लिए हमें समाधान के नए अलग तरीके की जरूरत होगी। हम सबके लिए एक ही तरह का समाधान नहीं निकाल सकते।
सिब्बल ने कहा कि उनका मंत्रालय अगले दो से ढाई वर्षों में सभी ग्राम पंचायतों को आप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ देगा। इससे हरेक व्यक्ति के स्तर तक सूचना पहुंचेगी और यह व्यापक बदलाव लाएगा। उन्होंने साथ ही कहा कि उनका मंत्रालय सूचना को लोगों की भाषा में पहुंचाने के लिए एक सॉफ्टवेयर पर काम कर रहा है।
कार्यक्रम को संयुक्त राष्ट्र के स्थानीय समन्वयक और यूएनडीपी के स्थानीय प्रतिनिधि पैट्रिस कुअर बिजो ने भी संबोधित किया।
(एजेंसी)
First Published: Friday, November 18, 2011, 16:30