Last Updated: Thursday, March 22, 2012, 03:04
जयपुर: ‘आर्ट आफ लीविंग’ के प्रणेता श्री श्री रविशंकर ने विवादित बयान को मीडिया की उपज बताते हुए देश भर में हो रहे विरोध पर कहा कि जब मैंने किसी तरह का विवादित बयान ही नहीं दिया तो विरोध होने पर ‘मैं उस पर प्रतिक्रिया क्यों दूं ’।
श्री श्री रविशंकर ने देर रात अपने बयान में कहा कि ‘मेरे बयान को गलत ढंग से पेश किया गया है । हम यह कह कर इतनी मूखर्ता थोड़ी ही करते कि देश के सारे सरकारी स्कूल बंद कर दो ।’ उन्होंने कहा ‘मेरा पूरा बयान नक्सल प्रभावित इलाके पर केन्द्रित था । नक्सल प्रभावित इलाके में सरकारी स्कूल ठीक से नहीं चल रहे है । आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली लोग हमारे संपर्क में हैं । उनका बयान है कि शिक्षा में पहले ऐसी बात समझ में आ जाती तो शायद हमारा जीवन ऐसा नहीं जाता । मैं उनकी बात ही दोहरा रहा था । नक्सल प्रभावित इलाकों के सरकारी स्कूलों को निजी क्षेत्र के लोगों को लेना था । हमने भी 185 स्कूल दिये हैं ।’
आर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता श्रीश्री रविशंकर के इस बयान पर बवाल मचा है जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार को सरकारी स्कूल बंद कर देना चाहिए क्योंकि इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे नक्सलवाद और हिंसा के रास्ते पर चले जाते हैं।
रविशंकर ने आदर्श शिक्षा समिति के एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा, ‘सरकार को सरकारी स्कूलों को बंद कर देना चाहिए क्योंकि सरकारी स्कूलों में पढ़े बच्चे नक्सलवाद और हिंसा के रास्ते चले जाते हैं। निजी स्कूलों में पढ़े बच्चे संस्कारवान होते हैं।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, March 22, 2012, 08:34