Last Updated: Wednesday, November 7, 2012, 23:16
त्रिशूर : 2जी स्पेक्ट्रम मामले की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष पीसी चाको ने प्रधानमंत्री को गवाह के तौर पर समिति के समक्ष बयान देने के लिए बुलाने की बात से इनकार करते हुए आज कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है।
चाको ने कहा, ‘प्रधानमंत्री को गवाह के तौर पर जेपीसी के समक्ष बुलाने का सवाल ही नहीं है क्योंकि संयुक्त संसदीय समिति के समक्ष प्रधानमंत्री को बुलाने का कोई पूर्व उदाहरण नहीं है।’ भाजपा सदस्यों द्वारा गुरुवार को जेपीसी की बैठक में भाग लिए जाने की संभावना की खबरों पर कांग्रेस नेता ने कहा कि उनका स्वागत है। उन्होंने कहा कि भाजपा सदस्यों द्वारा जेपीसी की बैठक में शामिल होने की खबरों से साबित हो गया है कि उनके बहिष्कार का कोई औचित्य नहीं था।
वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को गवाह के तौर पर समिति के समक्ष बुलाने के बारे में पूछे जाने पर चाको ने कहा कि आम सहमति के आधार पर इस बारे में फैसला किया जाएगा। एटार्नी जनरल को 11 अक्तूबर को जेपीसी के समक्ष नहीं बुलाने के भाकपा नेता गुरुदास दासगुप्ता के आरोपों का जिक्र करते हुए चाको ने कहा कि अटार्नी जनरल जी ई वाहनवती उस दिन देश से बाहर थे और वह समिति के समक्ष पेश होंगे।
उन्होंने कहा कि जेपीसी के विस्तार की अवधि दिसंबर में समाप्त हो जाएगी और महज 75 प्रतिशत काम पूरा होने के चलते एक और विस्तार की जरूरत पड़ेगी। चाको ने बताया कि कल जेपीसी की बैठक के लिए मोबाइल संचालक संघ को बुलाया गया है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 7, 2012, 23:16