Last Updated: Sunday, October 30, 2011, 05:33
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि किसी आरोपी को अदालतें एकमात्र गवाह के बयान के आधार पर दोषी ठहरा सकती हैं और अभियोजन पक्ष के दावे के मामूली विरोधाभासों की उपेक्षा की जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सामान्य नियम के तौर पर अदालत एकमात्र गवाह के बयान के आधार पर फैसला दे सकती हैं और इसके लिए कोई कानूनी अड़चन नहीं है।
इसी के साथ ही न्यायालय ने दो व्यक्तियों को हत्या के एक मामले में सुनाई गई उम्र कैद की सजा बरकरार रखी।
न्यायालय ने कहा ‘साक्ष्य कानून 1872 की धारा 134 में यह तर्क है लेकिन अगर गवाही को लेकर संदेह हो तो अदालत फिर इसकी पुष्टि करेगी।’ शीर्ष अदालत के अनुसार, हमेशा से सिद्धांत रहा है कि प्रमाण पुख्ता और अकाट्य होना चाहिए।
न्यायमूर्ति बी एस चौहान और न्यायमूर्ति ए के पटनायक की पीठ ने तकदीर शमसुद्दीन शेख और एक अन्य व्यक्ति की अपीलें खारिज कर दीं। इन दोनों को वड़ोदरा में वित्तीय विवाद के चलते 21 सितंबर 2000 को मोइउद्दीन शेख की हत्या के लिये दोषी ठहराया गया था।
उच्चतम न्यायालय ने दोनों दोषियों की यह दलील खारिज कर दी कि उन्हें दोषी ठहराया जाना उचित नहीं है क्योंकि अभियोजन पक्ष का उन्हें पकड़ने के दावे, हत्या के 13 दिन बाद खून से सने सामान जब्त करना और मृतक के मित्र होने के नाते भारत राजेंद्र प्रसाद त्रिवेदी की गवाही पर विश्वास नहीं किया जा सकता।
मिर्चपुर दलित हत्याकांड मामले में दोषी करार दिये गये 15 लोग जाट समुदाय के हैं। इन्हें ताराचंद नाम के व्यक्ति के घर को 21 अप्रैल को आग लगाने का दोषी पाया गया है। यह घटना गांव के जाट और दलित समुदाय के बीच एक विवाद के बाद हुई थी। अदालत ने कुलविंदर, रामफल और राजेंदर को भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के तहत गैर-इरादतन हत्या करने का दोषी पाया था। इन तीनों को इस धारा के तहत अधिकतम दंड यानी उम्र कैद की सजा हो सकती है।
इस मामले में 12 अन्य आरोपियों को आगजनी, दंगा भड़काने और गैर-कानूनी तरीके से एकत्रित होने जैसे हल्के आरोपों का दोषी पाया गया है।
मोनू, बलजीत, करमवीर, करमपाल, धरमबीर और बोबाल को दलितों के घर में आगजनी करने का दोषी पाया गया है। छह अन्य को दंगा भड़काने, गैर-कानूनी तरीके से एकत्रित होने और पथराव के जरिये संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का दोषी पाया गया है।
अदालत ने अभियोजन पक्ष के 68, बचाव पक्ष के 44 गवाह तथा एक अदालती गवाह से जिरह करने के बाद 15 आरोपियों को दोषी करार दिया था।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, October 30, 2011, 15:03