Last Updated: Monday, February 11, 2013, 20:31

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस द्वारा पत्रकार इफ्तिखार गिलानी को हिरासत में लेने के दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि अगर उनके खिलाफ साक्ष्य है तब उसे सामने लाया जाना चाहिए अन्यथा जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
संसद पर हमला मामले में दोषी करार दिये गए अफजल गुरू को नौ फरवरी को फांसी दिये जाने के बाद कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद एवं पत्रकार इफ्तिखार गिलानी को दिल्ली पुलिस ने 10 घंटे तक हिरासत में रखा था।
तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि गिलानी को इस स्थिति से गुजरना पड़ा जबकि उनकी ओर से कोई अपराध किये जाने का आरोप नहीं था। पुलिस को सावधान रहना चाहिए था।’’ उन्होंने कहा कि अगर उनके खिलाफ साक्ष्य है तब उसे सामने लाया जाना चाहिए अन्यथा पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
पत्रकारों के खिलाफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर तिवारी ने कहा कि पत्रकार देश की लोकतांत्रिक प्रकिया का हिस्सा हैं और उनके साथ सम्मापूर्ण ढंग से व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘वे (पत्रकार) अद्भुत और विविधतापूर्ण लोकतांत्रिक परंपरा वाले इस देश के चौथे स्तम्भ हैं और उन्हें सम्मान मिलना चाहिए।’’ (एजेंसी)
First Published: Monday, February 11, 2013, 20:31