Last Updated: Tuesday, December 20, 2011, 08:30
नई दिल्ली : रूस में गीता पर प्रतिबंध लगाने की मुहिम को 'गुमराह तथा उकसाए गए व्यक्तियों' का काम बताते हुए विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार ने इस मुद्दे को रूसी सरकार के साथ उच्च स्तर पर उठाया है और उसे जल्द ही इसका समाधान हो जाने की आशा है।
रूस में भगवद् गीता के खिलाफ शिकायत को 'पूरी तरह निर्थक' बताते हुए केंद्र सरकार ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि वह इस मामले को गंभीरता से ले रही है और इस पर पैनी नजर बनाए हुए है। कृष्णा ने लोकसभा में कहा कि रूसी अदालत में इस मामले की शिकायत कुछ मूर्ख और गुमराह अथवा उकसाए गए व्यक्तियों का काम है। यह शिकायत पूरी तरह निर्थक है, हमने इसे गंभीरता से लिया है और रूस में भारतीय दूतावास इस पर पैनी नजर बनाए हुए है।
इस संबंध में एक रिपोर्ट पर सांसदों द्वारा सोमवार को लोकसभा में हंगामा किए जाने के बाद मंगलवार को कृष्णा ने सदन में कहा कि सरकार मामले पर नजर बनाए हुए है और रूसी अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है। गीता को 'उग्रवादी साहित्य' बताते हुए इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग को साइबेरिया के तामस्क शहर की अदालत में मामला चल रहा है।
कृष्णा ने लोकसभा में कहा कि मास्को में भारतीय अधिकारी एवं वहां हमारे राजदूत इस्कॉन के प्रतिनिधियों के लगातार संपर्क में हैं। हमने रूसी सरकार के साथ शीर्ष स्तर पर यह मुद्दा उठाया है। भारतीय दूतावास इस कानूनी मुद्दे पर लगातार नजर बनाए हुए है। यह मामला कुछ गुमराह तत्वों द्वारा निर्थक शिकायत के साथ दर्ज कराया गया है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि यह मामला जल्द ही सुलझ जाएगा और इसमें भारतीय सभ्यता के मूल्यों को ध्यान में रखा जाएगा। गीता को 'किसी भी घटिया प्रचार या उकसाए गए लोगों के हमले से ऊपर' बताते हुए उन्होंने कहा कि गीता 'भारतीय सभ्यता के मूल की व्याख्या करती है। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता सुषमा स्वराज ने सरकार से गीता को 'राष्ट्रीय पुस्तक' घोषित करने की मांग की।
कृष्णा ने यह भी कहा कि सरकार ने इस मुद्दे को भारत में रूस के राजदूत एलेक्जेंडर कदाकिन के समक्ष भी उठाया है। उन्होंने गीता के बारे में कदाकिन के बयान का हवाला देते हुए कहा कि यह भारत और दुनिया के लोगों के लिए ज्ञान का महान स्रोत है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 20, 2011, 15:01