Last Updated: Thursday, September 5, 2013, 17:29

गांधीनगर : बीजेपी इस समय जहां नरेन्द्र मोदी को पार्टी का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने को लेकर दुविधा में पड़ी हुई है, वहीं गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस शीर्ष पद के सपने नहीं देख रहे हैं और 2017 तक राज्य की सेवा के लिए मिले जनादेश का सम्मान करेंगे।
मोदी ने कहा कि मैंने इस तरह के सपने कभी नहीं देखें (प्रधानमंत्री बनने के), ना ही मैं इस तरह का सपना देखना जा रहा हूं। गुजरात की जनता ने मुझे 2017 तक अपनी सेवा करने का जनादेश दिया है और मुझे यह पूरी ताकत के साथ करना है।’ उनकी टिप्पणी खासा मायने रखती है क्योंकि उन्हें औपचारिक तौर पर प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने में हो रही देरी को लेकर इसे उनकी नाखुशी के प्रदर्शन के तौर पर देखा जा सकता है।
भाजपा के चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख मोदी ने छात्रों के साथ मुलाकात के दौरान कहा, ‘जो ‘कुछ’ बनने का सपना देखते हैं वे अंत में खुद को तबाह कर लेते हैं। किसी को ‘कुछ बनने का सपना’ नहीं देखना चाहिए, बल्कि ‘कुछ करने का’ सपना देखना चाहिए।’
मोदी एक छात्र के इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या वह प्रधानमंत्री बनने के बाद 2014 में उनसे बात करने आएंगे। गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली ने कहा था कि पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के मुद्दे पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए क्योंकि ऐसा करना ‘हिट विकेट’ के समान होगा और आगामी आम चुनाव हारने का पार्टी के लिए एकमात्र संभावित कारण बन सकता है।
जेटली मोदी को भाजपा का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने पर जोर दे रहे हैं। हालांकि कहा जा रहा है कि लालकृष्ण आडवाणी सहित कुछ शीर्ष नेता इसके पक्ष में नहीं हैं क्योंकि वे गुजरात के मुख्यमंत्री को ऐसा चेहरा मानते हैं जो मतदाताओं का धुव्रीकरण कर देगा। मोदी की आज की टिप्पणी से कई लोग इसलिए भी आश्चर्यचकित हैं क्योंकि पिछले महीने उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री को सुशासन के मुद्दे पर सार्वजनिक बहस की चुनौती देते हुए खुद को भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश किया था। (एजेंसी)
First Published: Thursday, September 5, 2013, 12:54