Last Updated: Tuesday, October 11, 2011, 15:26
नई दिल्ली : गोधरा कांड के बाद भड़के दंगे संबंधी मामलों की सुनवाई की निगरानी पर रोक लगाने संबंधी गुजरात सरकार की अपील को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पूरी तरह खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि निगरानी कुछ और महीने जारी रहती है तो इससे कोई बड़ा फर्क नहीं पड़ेगा।
प्रदेश सरकार का कहना था कि मामलों की निगरानी खत्म होनी चाहिए क्योंकि ऐसा करना शीर्ष अदालत की ओर से समानांतर कार्यवाही चलाना है जबकि आरोपपत्र दाखिल किए जा चुके हैं और सुनवाई चल रही है। लेकिन न्यायाधीश डीके जैन की अध्यक्षता वाली एक तीन सदस्यीय विशेष पीठ ने कहा कि आरोपपत्र दाखिल किए जाने के बाद मामले की निगरानी करना कोई नई बात नहीं है। इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। यह कोई नया नियम नहीं है जो आज ही अस्तित्व में आया हो।
न्यायाधीश पी. सथाशिवन तथा आफताब आलम की पीठ ने कहा, ‘यह कोई आज ही बनाया गया नया कानून नहीं है। विशेष जांच दल हमारे आदेश पर पिछले दो साल से सुनवाई की निगरानी कर रहा है। समानांतर स्थिति पिछले दो साल से है। वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि निगरानी समाप्त होनी चाहिए क्योंकि इन मामलों में आरोपपत्र दाखिल किए जा चुके हैं तथा सुनवाई हो रही है और शीर्ष अदालत को मामले को निचली अदालत में चलने देना चाहिए। पीठ ने कहा कि वह स्थिति से अवगत है और राज्य सरकार की अपील पर बाद में विचार करेगी।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 12, 2011, 14:12