गुजरात : सरदारपुरा दंगे में 31 को उम्रकैद - Zee News हिंदी

गुजरात : सरदारपुरा दंगे में 31 को उम्रकैद

ज़ी न्यूज ब्यूरो
मेहसाणा (गुजरात) : मेहसाणा की एक विशेष फास्ट ट्रैक अदालत ने गुजरात में गोधरा के बाद हुए दंगों से जुड़े सरदारपुरा मामले में 73 आरोपियों में से 31 को दोषी करार दिया और 42 को इस मामले से बरी कर दिया गया। देर शाम अदालत ने सजा पर फैसला सुनाते हुए सभी 31 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुना दी। गौर हो कि इस मामले में फंसे लोगों पर अल्पसंख्यक समुदाय के 33 लोगों को जिंदा जलाने का आरोप था।

 

प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश एससी श्रीवास्तव ने पहले दोषियों का पक्ष सुनने के बाद इस मामले में पहले दोषसिद्ध साबित किया और फिर देर शाम सजा की घोषणा भी कर दी। जिन 42 लोगों को बरी किया गया है, उनमें से 11 को सबूतों के अभाव में जबकि 31 को संदेह का लाभ दिया गया है, लेकिन उनसे कहा गया है कि प्रत्येक व्यक्ति 25 हजार रुपए का मुचलका भरे।

 

अदालत ने निर्देश दिया कि वे उसकी अनुमति के बिना देश नहीं छोड़े। गोधरा कांड के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए विशेष जांच दल द्वारा की गई जांच का यह पहला ऐसा मामला है जिसमें फैसला सुनाया गया है। 31 दोषियों को हत्या, हत्या का प्रयास, दंगा करने और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत दोषी करार दिया गया जबकि उनके खिलाफ आपराधिक साजिश का आरोप हटा दिया गया।

 

27 फरवरी 2002 को गोधरा ट्रेन में आग लगने की घटना में 59 लोगों की जलकर मौत हो गई थी जिसमें ज्यादातर कारसेवक थे। इससे पूरे राज्य में दंगा भड़क उठा था जिसकी चपेट में वीजापुर तालुका का सरदारपुरा कस्बा भी आ गया था। एक विशाल भीड़ ने 28 फरवरी और एक मार्च 2002 को ‘शेख वास’ गली को घेर लिया था जहां गांव के अल्पसंख्यक समुदाय के लोग रहते थे।

 

किसी अनहोनी के डर से अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने इब्राहिम शेख के घर में शरण ली थी। इस बीच भीड़ ने पेट्रोल डालकर उनके घर को जला दिया जिससे 22 महिलाओं समेत 33 लोगों की जलकर मौत हो गई थी।
पुलिस ने सरदारपुरा मामले में सभी 76 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जिनमें से दो का सुनवाई के दौरान निधन हो गया जबकि एक किशोर है जिसके खिलाफ एक किशोर पर अदालत में मुकदमा चल रहा है।

 

अदालत ने जून 2009 में 73 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र तय किया था और सुनवाई शुरू की थी।
अभियोजन पक्ष का आरोप है कि अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हमला पूर्व नियोजित था और कुछ स्थानीय नेताओं ने गोधरा कांड के बाद यह साजिश रची थी।

First Published: Thursday, November 10, 2011, 13:22

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