‘गुड़िया’ से दरिंदगी के मुद्दे पर लोकसभा कल तक के लिए स्थगित| Budget session

‘गुड़िया’ से दरिंदगी के मुद्दे पर लोकसभा कल तक के लिए स्थगित

‘गुड़िया’ से दरिंदगी के मुद्दे पर लोकसभा कल तक के लिए स्थगितज़ी मीडिया ब्यूरो/एजेंसी

नई दिल्ली : बजट सत्र का दूसरे चरण की शुरुआत सोमवार हंगामेदार हुई। दिल्ली रेप का मुद्दा संसद के दोनों संदनों में उठा। इसे लेकर विपक्ष के सांसदों ने जमकर हंगामा किया जिसके चलते राज्यसभा की कार्यावाही 12 बजे तक जबकि लोकसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।

लोकसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग विपक्षी सदस्य करने लगे। हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही पहले 2 बजे तक और फिर बाद में पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।

संसद के इस सत्र के हंगामेदार होने के आसार पहले से ही लग रहे थे। 2जी पर जेपीसी की मसौदा रिपोर्ट, कोयला घोटाला और अन्य मसलों पर सरकार को घेरने के लिए विपक्ष ने तैयारी की है।

पूर्व दूरसंचार मंत्री और 2जी घोटाले में मुख्य आरोपी ए राजा का दावा है कि इस मामले में सारे फैसले प्रधानमंत्री से विचार-विमर्श करने के बाद ही लिए गए। वहीं भाजपा जेपीसी अध्यक्ष पी सी चाको पर सरकार को बचाने का आरोप लगा रही है।

राजा ने जेपीसी के सामने बयान दर्ज कराने का एक मौका मांगा था जिसकी अनुमति उन्हें नहीं दी गयी। राजा द्रमुक के सदस्य हैं जिसने हाल ही में संप्रग से समर्थन वापस ले लिया था।

विपक्ष कहता रहा है कि जेपीसी की मसौदा रिपोर्ट ‘जानबूझकर लीक करायी गयी’ और ऐसा होना संसदीय विशेषाधिकार का हनन है। वह इस मामले की जांच की मांग कर रहा है। राजग 2जी मामले में आयी जेपीसी की मसौदा रिपोर्ट से खफा है। खासतौर पर इसलिए क्योंकि इसमें आरोप लगाया गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार की दूरसंचार नीति के कारण सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ। इसमें वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे कुछ नेताओं पर भी आरोप लगाए गए हैं।

मनमोहन सिंह सरकार 10 मई को समाप्त हो रहे बजट सत्र के शेष चरण में कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराना चाहती है। भूमि अधिग्रहण विधेयक पर कांग्रेस और भाजपा में सहमति बन गयी है और इस पर चर्चा हो सकती है। हालांकि, वाम दल इसके विरोध में हैं।

कोयला घोटाले में सीबीआई की रिपोर्ट में कानून मंत्रालय के हस्तक्षेप की खबरों को लेकर भी भाजपा तथा वाम दल असंतुष्ट हैं। विपक्ष का कहना है कि घोटाले के तार प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़े हैं और वह सरकार को घेरने का यह मौका नहीं जाने देगा।

कोयला घोटाले के सिलसिले में कानून मंत्री अश्विनी कुमार द्वारा सीबीआई प्रमुख को तलब करने के मामले में भाजपा कानून मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रही है।

हालांकि, कांग्रेस ने किसी तरह के दखल के आरोपों से इंकार किया है और कानून मंत्री के इस्तीफे से इंकार किया है।

संसद के बजट सत्र के पहले चरण में अव्यवस्था की स्थिति के बाद दूसरे चरण में राज्यसभा में सुचारू कामकाज सुनिश्चित करने के लिहाज से उच्च सदन के सभापति हामिद अंसारी ने रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई। उन्होंने राज्यसभा में अव्यवस्था फैलाने वाले सदस्यों के स्वत: निलंबन और हाउस बुलेटिन में उनका नाम जारी करने जैसे विचार रखे लेकिन राजनीतिक दलों के बीच इन पर सहमति नहीं बन सकी।

अंसारी ने इस तरह की स्थिति में सदन की कार्यवाही का प्रसारण रोकने का भी सुझाव दिया लेकिन उन्हें समर्थन नहीं मिला। बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और विभिन्न दलों के वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया।

भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने जेपीसी रिपोर्ट पर कड़ी आपत्ति जताई है जिसमें 2जी मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी चिदंबरम को क्लीनचिट दे दी गयी है। पार्टी रिपोर्ट में लगाये गये इन आरोपों से भी नाराज है कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार की दूरसंचार नीति के कारण सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।

लंबे समय से लंबित खाद्य सुरक्षा विधेयक, बीमा और पेंशन विधेयक को भी लाया जा सकता है। सरकार विपक्षी दलों को मनाने और इन विधेयकों को पारित कराने की उम्मीद कर रही है।

वाम दल इन विधेयकों का विरोध कर रहे हैं। माकपा नेता प्रकाश करात ने मांग की है कि भूमि अधिग्रहण विधेयक को स्थाई समिति को या एक संयुक्त प्रवर समिति को भेजा जाना चाहिए। भाजपा बीमा और पेंशन विधेयकों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) को 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने के खिलाफ है लेकिन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने उसका समर्थन हासिल करने का विश्वास जताया है।

लाल कृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में हुई राजग नेताओं की बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि सरकार यह अपेक्षा न रखे कि विधायी कार्यों से जुड़े मामलों में राजग उसके बचाव में आएगा। कृषि मंत्री और राकांपा प्रमुख शरद पवार ने भी सरकार को इन मामलों में सावधानी बरतने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि बजट सत्र का दूसरा चरण सरकार के लिए काफी अहम है क्योंकि इस दौरान कई धन विधेयक पारित होने हैं और ‘हर एक दिन वजूद में बने रहने का इम्तिहान है’।

सरकार ने भूमि अधिग्रहण विधेयक पर मुख्य विपक्षी दल से संपर्क साधकर संसद सत्र में शांतिपूर्ण कामकाज के लिए जमीन तैयार करने की कोशिश तो की लेकिन खबरों में नये नये खुलासों से उसके लिए हालात मुश्किल वाले हो सकते हैं। वाम दल भी रिपोर्ट से नाखुश हैं और उन्होंने संसद में अपना असंतोष जाहिर करने का फैसला किया है। (एजेंसी)

First Published: Monday, April 22, 2013, 08:46

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