Last Updated: Monday, December 24, 2012, 21:53

नई दिल्ली : चलती बस में पैरामेडिकल छात्रा के सामूहिक बलात्कार की देश भर में हो रही भर्त्सना एवं राजधानी में हिंसक प्रदर्शनों के बीच इस मामले को रोकने में विफल रहने के कारण दिल्ली पुलिस के दो सहायक आयुक्तों को निलंबित कर दिया गया है तथा दो उपायुक्तों से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया है।
दिल्ली के उपराज्यपाल तेजेन्द्र खन्ना ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यातायात शाखा के एसीपी मोहन सिंह डबास तथा पीसीआर के एसीपी यागराम को निलंबित कर दिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘मैंने पुलिस आयुक्त से कहा है कि वह डीसीपी (यातायात) प्रेमनाथ एवं डीसीपी सतबीर कटारिया (पीसीआर) से स्पष्टीकरण मांगें। उसके आधार पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई तय की जाएगी।’
खन्ना ने घोषणा की कि दिल्ली पुलिस महिलाओं की शिकायतों पर बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने वाली नीति अपनाएगी। उन्होंने महिला संगठनों से बातचीत के लिए विशेष आयुक्त सुधीर यादव को नोडल अधिकारी नियुक्त किया।
महिला समूहों के साथ करीब ढाई घंटे तक बैठक करने के बाद खन्ना ने कहा कि दिल्ली के सभी पुलिस थानों के ड्यूटी आफिसर के लिए उनके पास आने वाली महिलाओं की शिकायत दर्ज करना अनिवार्य किया जाएगा।
उपराज्यपाल ने कहा, यह भी निर्णय किया गया है कि 80 हजार पुलिसकर्मियों में से किसी के भी खिलाफ यदि खराब व्यवहार की शिकायत मिली तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
उप राज्यपाल ने कहा कि सामूहिक बलात्कार मामले में उनकी महिला संगठनों से ढाई घंटे तक बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि प्रत्येक महीने के आखिरी शुक्रवार को महिला संगठनों से स्पेशल कमिश्नर मुलाकात करेंगे और उनकी शिकायतें सुनेंगे।
खन्ना ने कहा कि शिकायतें ई-मेल पर दर्ज कराई जा सकती हैं। इसके अलावा 9818099012 पर भी शिकायत किया जा सकता है। (एजेंसी)
First Published: Monday, December 24, 2012, 16:58