Last Updated: Wednesday, December 26, 2012, 00:33

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सामूहिक दुष्कर्म की घटना के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान गंभीर रूप से घायल हुए पुलिस कांस्टेबल की मंगलवार को यहां के एक अस्पताल में मौत हो गई। उधर, सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता युवती की हालत नौवें दिन भी गंभीर बनी हुई है। इस बीच, कांग्रेस कोर समूह ने बैठक कर पूरे हालात की समीक्षा की और यह महसूस किया कि सबसे पहले पीड़िता को न्याय दिलाना आवश्यक है। पुलिस कांस्टेबल सुभाष चंद्र तोमर की मौत से जहां पुलिस महकमा आहत है, वहीं दुष्कर्म पीड़िता का पुलिस के सम्बंध में आए बयान पर दिल्ली पुलिस और मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बीच कहा-सुनी हो गई।
चिकित्सकों ने बताया कि 47 वर्षीय सुभाष चंद्र तोमर की श्वसन व दिल से सम्बंधित परेशानियों के चलते सुबह करीब 6.30 बजे मौत हो गई। प्रदर्शनकारियों के हिंसक होने के दौरान इंडिया गेट को जाने वाली एक सड़क पर गिरे तोमर पर हमला किया गया था। हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक टी.एस. सिधू ने बताया, रात में उनकी हालत खराब होने लगी थी। हम पोस्टमॉर्टम के बाद उनकी मौत का सही कारण बता सकेंगे।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त वी.वी. चौधरी ने आईएएनएस को बताया कि तोमर बहुत ईमानदार व मेहनती पुलिसकर्मी थे। वह 1987 में पुलिस सेवा से जुड़े और उन्हें अब तक के अपने कार्यकाल में अपने काम के लिए 77 प्रशंसा पत्र मिल चुके थे।
तोमर के नाराज परिवार ने उनकी मौत के लिए हिंसक प्रदर्शनकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। उनके 22 वर्षीय बेटे दीपक ने कहा, मेरे पिता की मौत के लिए जनता जिम्मेदार है। लोगों ने उन्हें निर्दयता से पीटा था। क्या वे मेरे पिता को वापस दे सकते हैं। उन्होंने कहा, मेरे पिता से मिलने के लिए अस्पताल में कोई राजनेता नहीं आया।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि तोमर के परिवार में उसकी पत्नी अमरेश देवी (40), दो बेटे सोनू (18) और दीपक (22) तथा बेटी ज्योति (24) है। तोमर के भाई युद्धवीर सिंह ने भी अपने भाई की मौत के लिए भीड़ को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा मेरे भाई की क्या गलती थी, वह सिर्फ अपना काम कर रहे थे। युद्धवीर सिंह ने 23 वर्षीया दुष्कर्म पीड़िता के लिए प्रदर्शन कर रहे लोगों से शांति बनाए रखने के लिए कहा। पीड़िता की हालत गंभीर है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त ताज हसन ने बताया कि रविवार रात तोमर पर हुए हमले के मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था लेकिन अगले दिन उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। अब उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा।
शहीद तोमर का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। दिल्ली के पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने कहा कि तोमर के परिवार को अनुकम्पा के आधार पर हर तरह की सहायता मुहैया कराई जाएगी।
मौत से जूझ रही सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए कई दिनों से चल रहा प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी रहा। मध्य दिल्ली की प्रमुख सड़कों और नौ मेट्रो स्टेशनों को लगातार दूसरे दिन भी बंद किए जाने का प्रदर्शनकारियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। महिलाओं और छात्राओं सहित सैकड़ों लोगों ने जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया।
दिल्ली के एक कालेज की छात्रा सुषमा ठाकुर ने जंतर मंतर पर कहा, "हम चाहते हैं दुष्कर्मियों को जनता के हवाले कर दिया जाए, क्योंकि सरकार महिलाओं को न्याय नहीं दिला सकती।"
प्रदर्शन में शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश से साथियों के साथ आए एक मेडिकल छात्र सूर्य प्रताप सिंह ने कहा, "हम चाहते हैं कि उस युवती को तुरंत न्याय मिले जिसके साथ छह लोगों ने दरिंदगी की। दरिंदों को जनता के बीच फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। दिल्ली मेट्रो के बंद किए गए नौ स्टेशनों को मंगलवार शाम से खोल दिया गया।
दिल्ली की राजनीतिक स्थिति, खासकर अस्पताल में मौत से जूझ रही सामूहिक दुष्कर्म की शिकार 23 वर्षीय युवती को न्याय दिलाने के लिए लगातार कई दिनों से किए जा रहे प्रदर्शनों से उत्पन्न स्थिति पर विचार करने के लिए मंगलवार को बैठक की।
पार्टी के सूत्रों ने बताया कि कोर समूह ने युवती के साथ दरिंदगी से लोगों में भड़के आक्रोश और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की और महसूस किया कि राजधानी में शांति लौटाने के लिए सबसे पहले पीड़िता को न्याय दिलाना आवश्यक है।
बैठक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आवास पर हुई जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी, केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम और सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल ने भाग लिया। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 26, 2012, 00:33