Last Updated: Friday, December 21, 2012, 22:45

नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि उनमें अस्पताल में भर्ती सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता से मिलने की हिम्मत नहीं है और वह दिल्ली पर `दुष्कर्म की राजधानी` होने का धब्बा लगने से दुखी हैं। देश में सबसे लम्बी अवधि तक सेवा देने वाली महिला मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून एवं व्यवस्था के मामले में उनके हाथ बंधे हुए हैं, क्योंकि यह दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
पुलिस के अनुसार, दिल्ली में इस वर्ष 600 से अधिक दुष्कर्म के मामले सामने आए हैं।
शीला दीक्षित ने कहा कि पांच दिन पूर्व 23 वर्षीया युवती के साथ छह लोगों द्वारा किया गया दुष्कर्म क्रूरता और संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है।
उन्होंने इस घटना पर राजधानी तथा अन्य स्थानों पर लगातार हो रहे व्यापक प्रदर्शनों को भांपते हुए यह टिप्पणी की।
शीला एक न्यूज चैनल से कहा कि मैं खुलकर कह रही हूं कि मुझमें उसे देखने की हिम्मत नहीं है। मैं सिर्फ उसके माता-पिता और डाक्टरों से मिली। मैं उसके माता-पिता के सामने रो दूं, यह ठीक नहीं होगा। (एजेंसी)
First Published: Friday, December 21, 2012, 22:45