Last Updated: Monday, January 28, 2013, 20:03
बलिया : दिल्ली सामूहिक बलात्कार कांड के छठे गुनहगार को नाबालिग ठहराने के किशोर न्याय बोर्ड के फैसले को सामूहिक बलात्कार की शिकार लड़की के परिजन न्यायालय में चुनौती देंगे।
लडकी के भाई ने किशोर न्याय बोर्ड का फैसला आने के बाद कहा कि कहा कि फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। परिवार के लोग इस मामले में विधिवेत्ताओं से बातचीत करेंगे तथा इसे सक्षम न्यायालय में चुनौती देंगे। परिजन इस बात के लिए हरगिज तैयार नहीं है कि नाबालिग गुनाहगार को फांसी से कम सजा मिले।
भाई ने दोहराया कि नाबालिग आरोपी को भी फांसी की ही सजा मिले, इसके लिए केन्द्र सरकार को जल्द से जल्द कानून में बदलाव करना चाहिये। वह कहते हैं कि परिवार के लोग कभी भी राजी नहीं होंगे कि घटना को अंजाम देने में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले नाबालिग आरोपी को महज तीन वर्ष की ही सजा हो।
लड़की के भाई ने कहा कि न्यायालय ने स्कूल के अभिलेख पर फैसला दिया है, जबकि उसका मेडिकल परीक्षण कराया जाना चाहिये था। मेडिकल परीक्षण हुआ होता तो सच सामने आ गया होता।
उन्होंने यह भी आशंका जतायी कि स्कूल के अभिलेख में जन्म तिथि अंकित करने में फर्जीवाड़ा का सहारा लिया जा सकता है। (एजेंसी)
First Published: Monday, January 28, 2013, 20:03