Last Updated: Saturday, December 29, 2012, 13:30
सोलापुर (महाराष्ट्र) : सामूहिक बलात्कार की शिकार युवती को सिंगापुर ले जाने के फैसले को लेकर छिड़े विवाद के बीच केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने फैसले को सही बताते हुए आज कहा कि यह कोई राजनीतिक फैसला नहीं था बल्कि चिकित्सकों ने ऐसा तय किया था ।
यह पूछने पर कि आखिर सरकार की ऐसी कौन सी राजनीतिक बाध्यता थी कि 23 वर्षीय छात्रा को इलाज के लिए सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल भेजा गया, शिन्दे ने कहा, ‘‘ यह राजनीतिक फैसला नहीं था। मरीज के हित में हमने यह फैसला किया। ’’ एलिजाबेथ अस्पताल में ही युवती ने आज तडके दम तोड दिया।
शिन्दे ने कहा कि सरकार ने सफदरजंग अस्पताल और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डाक्टरों तथा निजी अस्पताल मेदांता मेडिसिटी के प्रमुख डा नरेश त्रेहन की सलाह के बाद युवती को इलाज के लिए विदेश भेजने का फैसला किया। पहले युवती का इलाज सफदरजंग अस्पताल में ही चल रहा था।
उन्होंने बताया कि एम्स के डाक्टरों और अन्य डाक्टरों की बैठक हुई। उन्होंने सुझाव हुआ कि उसे सिंगापुर के ‘‘ क्रिटिकल केयर ’’ अस्पताल में ले जाया जाए जहां उसका ज्यादा अच्छा इलाज हो सकता है। सफदरजंग अस्पताल, एम्स और डा त्रेहन की सलाह पर ही ऐसा किया गया ।
शिन्दे ने संवाददाताओं से कहा कि किसी अन्य डाक्टर से सलाह मशविरा नहीं किया गया था इसलिए अब अन्य डाक्टर अपनी राय कैसे दे सवकते हैं। हमने चर्चा की थी कि उसे अमेरिका, लंदन या सिंगापुर में से कहां भेजा जाए। ऐसा सुझाव आया कि सिंगापुर निकट है और वहां क्रिटिकल केयर एवं ट्रामा के लिए काफी अच्छा अस्पताल भी है। इसी के बाद फैसला किया गया । उन्होंने कहा कि जो डाक्टर फैसले की आलोचना कर रहे हैं, उन्होंने युवती का कभी इलाज नहीं किया और उन्हें उसकी हालत की जानकारी नहीं थी।
गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस आरोपियों के खिलाफ जल्द से जल्द आरोपपत्र दाखिल करेगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दोषियों को जल्द सजा मिले। (एजेंसी)
First Published: Saturday, December 29, 2012, 13:30