Last Updated: Sunday, December 23, 2012, 21:16
नई दिल्ली : दिल्ली में एक चलती बस में 23 वर्षीय छात्रा के साथ हुए बलात्कार की घटना की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के एक पूर्व प्रधान न्यायाधीश एक जांच आयोग गठित करेंगे जो इस मामले में पुलिस की चूक और दिल्ली सहित देश के अन्य हिस्सों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किए जाने वाले उपायों पर भी विचार करेगी।
विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) धर्मेन्द्र कुमार ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।
कुमार ने यह भी बताया कि सरकार ने तीन सदस्यीय एक समिति का भी गठन किया है जिसके सदस्यों में उच्चतम न्यायालय के पूर्व प्रधान न्यायाधीश जेएस वर्मा सदस्य एक होंगे। यह समिति बलात्कार से जुड़े कानून के तहत सख्त सजा का प्रावधान करने की संभावना पर गौर करेगी।
उन्होंने यह भी बताया कि इस घटना में त्वरित र्कारवाई के लिए उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता दया कृष्णन विशेष अभियोजक होंगे और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मुकदमा बहुत कम समय में अपने निष्कर्ष तक पहुंच जाए।
इस पीड़िता की हिफाजत के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय के एक पूर्व प्रधान न्यायाधीश के तहत एक जांच आयोग का गठन किया जा रहा है।’
कुमार ने बताया, ‘पूर्व प्रधान न्यायाधीश इस पूरे प्रकरण के तहत इस बारे में छानबीन करेगें कि यह चीज क्यों हुई और इसे क्यों नहीं रोका जा सका तथा महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली एवं देश के अन्य हिस्सों में क्या कदम उठाये जाने चाहिए। इस बारे में भी छानबीन की जाएगी कि कोई चूक हुई है या नहीं।’
उन्होंने बलात्कार के मामलों में सख्त सजा का प्रावधान किए जाने के बारे में कहा कि इस समिति के सदस्यों में न्यायमूर्ति ललिता सेठ और पूर्व सोलिसीटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम भी शामिल हैं।
कुमार ने कहा,‘बहुत कम अवधि के अंदर वे बलात्कार से जुड़े कानून के तहत सख्त सजा का प्रावधान किये जाने की संभावना की जांच करेंगे।’
युवकों के समूह की तीसरी मांग (त्वरित कार्रवाई) के बारे में उन्होंने कहा कि अधिवक्ता कृष्णन ने विशेष अभियोजक के रूप में स्वेच्छा से आने की बात कही और इस मामले में वह रोजाना आधार पर मुकदमे की कार्यवाही में शामिल होंगे तथा सुनिश्चित करेंगे कि मुकदमा बहुत कम समय में निष्कर्ष तक पहुंच जाए। उन्होंने बताया कि आम लोगों की सभी मुख्य मांगें मानी जा रही है। इसलिए हम शांति बरतने की अपील कर रहे हैं।
कुमार ने कहा कि सरकार ने प्रदर्शनकारियों की सारी मांग मान ली है और यदि वे अपना प्रदर्शन जारी रखना चाहते हैं तासे यह शांतिपूर्ण होना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Sunday, December 23, 2012, 21:16