Last Updated: Thursday, June 6, 2013, 00:12

नई दिल्ली : राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केंद्र के भविष्य को लेकर संदेह जताते हुए गैर-कांग्रेसी राज्यों ने इसका पुरजोर विरोध किया वहीं केंद्र सरकार ने आगाह किया कि अगर यह केंद्र नहीं बनता तो देश को कीमत चुकानी होगी।
देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए यहां आयोजित मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिस्सा नहीं लिया लेकिन अपना विरोध दर्ज कराया। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह और पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखवीर सिंह बादल ने एनसीटीसी के प्रस्ताव को संघीय ढांचे के सिद्धांतों पर अतिक्रमण कहकर इसका विरोध किया।
मोदी ने पुरजोर तरीके से कहा कि एनसीटीसी संघीय ढांचे के सिद्धांतों के अनुरूप नहीं है क्योंकि यह अनिवार्य रूप से एक संघीय पुलिस गठित करने का प्रयास है जो देश के लिए एक अपरिचित धारणा है।
एनसीटीसी के विचार में अहम भूमिका रखने वाले वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने इस आलोचना के जवाब में कहा कि प्रस्तावित इकाई का विरोध करना दुर्भाग्यपूर्ण, गलत और बहुत दुखद है और यदि यह प्रभाव में नहीं आता तो देश को समय समय पर इसकी कीमत अदा करनी होगी।
मोदी ने कहा कि ऐसी किसी नयी संस्था या संगठन का निर्माण केंद्र और राज्यों के बीच पूरी तरह आम सहमति के बाद ही किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘इस तरह के मुद्दों पर आम सहमति बनाने के लिए राज्यों के साथ समन्वित प्रयासों को करने की केंद्र की नाकामी आंतरिक सुरक्षा से जुड़े विषयों से निपटने में राज्यों को बराबरी का साझेदार मानने में केंद्र की अनिच्छा से पैदा होती है। यह दूसरों पर प्रभुत्व जमाने की आदत भी दर्शाता है और अधिकारों के संवैधानिक विभाजन की अवहेलना है।’
देश में एक मजबूत आतंकवाद रोधी कानून की कमी संबंधी मोदी के बयान पर चिदंबरम ने कहा कि यूएपीए कानून में आतंकवाद के मामलों से निपटने के लिए पर्याप्त प्रावधान हैं लेकिन देश को कानून को लागू करने के लिए एनसीटीसी जैसे किसी साधन की जरूरत है। वित्त मंत्री ने कहा कि दरअसल मोदी टाडा और पोटा को वापस लाना चाहते हैं। उन्होंने ऐसा क्यों नहीं कहा कि मैं पोटा वापस चाहता हूं। कांग्रेस पार्टी पोटा के विरोध में है, संप्रग पोटा के खिलाफ है। रमन सिंह ने कहा कि एनसीटीसी को जिम्मेदाराना और जनता के प्रति जवाबदेह बनाने के लिए इस पर संसद की मुहर लगना जरूरी है।
आंतरिक सुरक्षा पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि एनआईए कानून जैसी शक्तियां एनसीटीसी को नहीं दी जानी चाहिए कि यह राज्यों की सहमति के बगैर ही आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच करे।
आंतरिक सुरक्षा के मामलों में केंद्र पर एकपक्षीय तरीके से निर्णय लेने का आरोप लगाते हुए शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केन्द्र (एनसीटीसी) बनाने में व्यावहारिक कठिनाइयों का हवाला दिया।
इस पर अपना विरोध दर्ज कराते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि प्रस्तावित एनसीटीसी देश के संघीय ढांचे से मेल नहीं खाता। मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने ममता के भाषण को पढ़ा। ममता ने अपने भाषण में कहा कि कई अन्य राज्यों की तरह पश्चिम बंगाल की भी राय है कि एनसीटीसी का प्रस्तावित स्वरूप देश के संघीय ढांचे को गड़बड़ करता है।
पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने देश के कई राज्यों और पड़ोसी देशों में पनाह पाने वाले उग्रवादियों के खिलाफ समन्वित कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफ्स्पा) को चरणबद्ध तरीके से हटाने की जोरदार वकालत करते हुए सम्मेलन में केंद्र सरकार से कहा कि एक प्रणाली तैयार की जानी चाहिए जो प्रदेश से उक्त कानून को हटाने में मददगार होगी।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी ने आतंकवादी संगठनों की राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर निगरानी में विदेशी वेब-आधारित कंपनियों द्वारा सुरक्षा एजेंसियों के साथ सहयोग नहीं करने के मुद्दे को उठाया।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती के कारण माओवादियों का रुख उनके राज्य की ओर होने की दलील देते हुए कहा कि उनके प्रदेश में प्रभावी तरीके से नक्सलियों से निपटने के लिए सीआरपीएफ की दो अतिरिक्त बटालियन और सेना का एक हेलीकॉप्टर तैनात किया जाना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 5, 2013, 22:59