Last Updated: Friday, April 12, 2013, 15:13
चेन्नई : भारत ने श्रीलंका के एक शीर्ष अधिकारी द्वारा उनके देश (श्रीलंका) में आतंकवाद के बारे में की गई कथित टिप्पणी को आज नामंजूर करते हुए कहा कि वहां तमिलों को अधिकार नहीं दिए जाने के चलते सशस्त्र संघर्ष हुआ।
श्रीलंका के रक्षा सचिव गोटाबाया राजपक्षे की एक कथित टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री वी नारायणसामी ने कहा कि यह बयान स्वीकार्य नहीं है।
राजपक्षे ने कथित तौर पर कहा था कि भारत उनके देश में आतंकवाद पैदा करने की जिम्मेदारी से कभी पल्ला नहीं झाड़ सकता।
नारायणसामी ने यहां हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘जहां तक भारत की बात है इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने तमिलों का समर्थन किया था। राजीव गांधी भी अपनी जान गंवा चुके हैं (लिट्टे के हमले में)। उन्होंने तमिलों की मदद करने के लिए वहां भारतीय शांति रक्षक बल भेजा था। राजपक्षे का बयान अस्वीकार्य है। आतंकवाद के लिए श्रीलंका जिम्मेदार है, तमिलों ने आतंकवाद का रास्ता चुना क्योंकि उनके अधिकार उन्हें नहीं मिल रहे थे।’’ उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली किसी भी तरह की आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन नहीं करेगा।
नारायणसामी ने कहा कि तमिल जहां कहीं भी हैं, वहां उनकी हिफाजत करना भारत का कर्तव्य है और उसने श्रीलंकाई सेना के कथित युद्ध अपराध की संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में स्वतंत्र और विश्वसनीय जांच के लिए दबाव डाला था। (एजेंसी)
First Published: Friday, April 12, 2013, 15:13