Last Updated: Wednesday, February 13, 2013, 15:17

चेन्नई : द्रमुक प्रमुख एम करूणानिधि ने कहा कि लिट्टे के सदस्यों द्वारा अभी तक संघर्ष को पुनिजीर्वित करने की जीतोड़ कोशिश किये जाने संबंधी श्रीलंका के रक्षा मंत्री गोटाबाया राजपक्षे के बयान का उद्देश्य इस पड़ोसी देश में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों से दुनिया का ध्यान भटकाना है।
करूणानिधि ने कहा, ‘‘विभिन्न देश और विश्व स्तरीय संगठन मानवाधिकारों के उल्लंघन तथा ‘राजपक्षे सरकार’ के युद्ध अपराधों को लेकर श्रीलंका के खिलाफ कार्रवाई करने की कोशिश कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि लिट्टे के दोबारा सिर उठाने संबंधी श्रीलंकाई रक्षा मंत्री एवं राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के भाई के इस भाषण का लक्ष्य दुनिया का ध्यान भटकाना है।
गौरतलब है कि गोटाबाया ने कहा था कि हालांकि लिट्टे का सैन्य नेतृत्व नष्ट हो चुका है पर इस बात को समझना जरूरी है कि यह लिट्टे के विशाल संगठन का महज एक हिस्सा था। संगठन का शेष हिस्सा अभी भी कायम है और इसने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर लोकतांत्रिक चोला ओढ़ लिया है। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि इसके सदस्य श्रीलंका में दोबारा संघर्ष करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 13, 2013, 15:17