Last Updated: Sunday, May 12, 2013, 20:07

नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नर्सों की सेवाओं को उनके पारंपरिक क्षेत्र से आगे इस्तेमाल करने का सुझाव देते हुए कहा कि ऐसा करके ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाया जा सकता है जहां कोई चिकित्सक नहीं होते हैं।
मुखर्जी ने अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के मौके पर राष्ट्रपति के दरबार हाल में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कौशल और पेशेवर ज्ञान से नर्सिंग एक आधुनिक चिकित्सकीय पेशे में तब्दील हो चुका है। स्वास्थ्य कर्मचारियों की संख्या में नर्सों की काफी बड़ी और महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है। स्वास्थ्य कर्मचारियों की संख्या स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था की रीढ़ है।
उन्होंने इस मौके पर 35 नर्सिंग पेशेवरों को समर्पण, ईमानदारी, दया के साथ सेवा करने के लिए फ्लोरेंस नाइटेंगल पुरस्कार प्रदान करने के बाद कहा, ‘स्वास्थ्य देखभाल का महत्वपूर्ण सहायक के रूप में वे अस्पताल, चिकित्सक और मरीज व्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने 12वीं योजना में ‘सभी के लिए स्वास्थ्य’ का लक्ष्य निर्धारित किया है। चिकित्सकीय ढांचे के विस्तार से नर्सिंग स्टाफ की मांग भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इसे वर्तमान संस्थानों की क्षमताएं बढ़ाकार तथा और नर्सिंग स्कूल खोलकर पूरा किया जा सकता है।
स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस वर्ष के अंत तक छह एम्स जैसे संस्थान कार्य करना शुरू कर देंगे। इन संस्थानों की स्थापना अलग अलग राज्यों में होगी। इसके अलावा चेन्नई में एक भारतीय नर्सिंग संस्थान और दिल्ली में सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित करने की योजना है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, May 12, 2013, 20:07