Last Updated: Saturday, January 28, 2012, 16:20
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश चुनाव में विभिन्न दलों से उम्मीदवार बनने के इच्छुक कुछ लोगों द्वारा अपने चुनावी खर्चे के लिए कंपनियों से घूस मांगने की खबरों को गंभीरता से लेते हुए चुनाव आयोग ने शनिवार को सरकार से कानून में समुचित संशोधन कर इस तरह की घूसखोरी को संज्ञेय अपराध बनाने की मांग की।
आयोग ने यहां एक बयान में कहा, ‘आयोग ने अपने रूख को दोहराया है कि आईपीसी के तहत इस तरह की घूसखोरी को संज्ञेय अपराध बनाया जाना चाहिए। आयोग ने कानून में संशोधन करने के उद्देश्य से एक अध्यादेश जारी करने के लिए एक बार फिर सरकार से बात की है क्योंकि मामला काफी गंभीर है।’ चुनाव आयोग ने एक निजी टीवी चैनल पर दिखाये गये एक स्टिंग ऑपरेशन के विषय वस्तु को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश के जिला निर्वाचन अधिकारियों को स्टिंग आपरेशन में दिखाए गये लोगों के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराने का भी निर्देश दिया है।
आयोग ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘अपने चुनावी अधिकार के इस्तेमाल के लिए कुछ हासिल करने का प्रयास, जिनमें चुनाव में खड़े होने और न खड़े होने का अधिकार शामिल है, आईपीसी के तहत घूसखोरी का अपराध है और इसलिए जिला निर्वाचन अधिकारियों को कहा गया है कि वे ‘स्टिंग ऑपरेशन’ में अपराध की ऐसी किसी कार्रवाईयों में लिप्त दिखाए गए लोगों के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराएं।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, January 28, 2012, 21:50