Last Updated: Thursday, November 15, 2012, 16:08
नई दिल्ली : दाखिले में पादर्शिता नहीं बरतने, कैपिटेशन फीस वसूलने, एचआईवी, एड्स एवं अन्य सांक्रामक बीमारी का हवाला देकर छात्र को दाखिला नहीं देने वाले स्कूल अब दंडित होंगे और उन पर जुर्माना लगाया जाएगा।
केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (केब) ने स्कूलों में शैक्षणिक कदाचार को रोकने से संबंधित मसौदा विधेयक को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि राज्यों के शिक्षा मंत्रियों एवं अन्य पक्षों ने स्कूलों में दाखिले के लिए अपनाई जाने वाली भ्रामक एवं अपारदर्शी प्रक्रियाओं, कैपिटेशन फीस की मांग जैसे शैक्षणिक कदाचार पर लगाम लगाने की जरूरत महसूस की और इस बारे में प्रस्तावित विधेयक के मसौदे को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया।
प्रस्तावित विधेयक के मसौदे के अनुसार, किसी विशेष दुकान से पुस्तक, पोशाक और अन्य स्टेशनरी समग्री खरीदने के लिए शारीरिक दंड देने वाले शिक्षकों को तीन साल तक कारावास या जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है। स्कूलों में शैक्षणिक कदाचार को रोकने से संबंधित विधेयक के मसौदे में यह स्पष्ट किया गया है कि कोई भी स्कूल प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कैपिटेशन फीस या किसी कक्षा में दाखिले के लिए चंदा नहीं मांग सकता है।
कोई भी स्कूल एचआईवी, एड्स या कोई अन्य गंभीर बीमारी की खबर होने पर किसी छात्र को दाखिला देने से इंकार करने नहीं कर सकता है। मसौदे में स्कूलों में बच्चों को शारीरिक दंड देने की मनाही है और स्कूलों से यह भी कहा गया है कि वे छात्रों को परीक्षा में बैठने से नहीं रोकें। प्रस्तावित विधेयक के मसौदे के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति इसके किसी प्रावधान या नियम का उल्लंघन करता है अथवा इसके प्रतिकूल काम करता है, तब उसे तीन साल तक के कारावास या जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है। मसौदे में हालांकि अभी जुर्माने की राशि निर्धारित नहीं की गई हैं।
प्रस्तावित विधेयक में कहा गया है कि ‘ स्कूली शिक्षा का आशय नर्सरी (प्रीस्कूल) से शुरू होकर पहली कक्षा से 12वीं कक्षा तक है। स्कूलों से दाखिला शुरू होने के 60 दिन पहले प्रक्रियाओं के बारे में पूरी जानकारी प्रकाशित करने को कहा गया है।
गौरतलब है कि प्रस्तावित विधेयक का मसौदा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने तैयार किया है। यह एक समिति की सिफारिशों के आधार पर तैयार किया गया है जिसमें केरल, असम, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, पंजाब और उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्रियों के साथ बिहार, तमिलनाडु , गुजरात, मध्यप्रदेश के शिक्षा सचिव शामिल थे। (एजेंसी)
First Published: Thursday, November 15, 2012, 16:08