Last Updated: Thursday, May 10, 2012, 08:35
नई दिल्ली : किसानों की गेंहू की फसल के लिए जूट बोरों की मांग समेत विभिन्न मुद्दों पर लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की एक आक्रोशित टिप्पणी को लेकर सदन में हुए भारी शोरशराबे के कारण बैठक साढ़े बारह बजे दोपहर बाद दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
किसानों को जूट के बोरे उपलब्ध कराने की मांग को लेकर जैसे ही भाजपा सदस्य अध्यक्ष के आसन के समक्ष आए तो खिन्न नजर आ रहे मुखर्जी ने कुछ कहने का प्रयास किया लेकिन जब भाजपा सदस्यों का हंगामा जारी रहा तो उन्होंने कुछ टिप्पणी की जिससे भाजपा सदस्य गुस्से में आ गए।
अन्नाद्रमुक सदस्य भी वर्ष 2006 में हुए एयरसेल-मैक्सिस करार पर अपनी बात रखने की अनुमति दिए जाने की मांग करते हुए आसन के समक्ष आ गए। इस मसले को वरिष्ठ भाजपा सदस्य यशवंत सिन्हा ने भी उठाया और तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम को यह कहते हुए निशाने पर लिया कि इस करार में उनका बेटा कथित रूप से शामिल है।
उस समय पी चिदम्बरम वित्त मंत्री थे लेकिन सिन्हा ने उनका नाम नहीं लिया। सिन्हा का आरोप था कि तत्कालीन वित्त मंत्री के पुत्र को मैक्सिस से पांच फीसदी शेयर मिले थे।
सिन्हा ने मुखर्जी से इस बारे में बयान की मांग करते हुए इसे प्रथम दृष्टया एक बड़ा घोटाला बताया और कहा कि सरकार को इस पर पर्दा नहीं डालना चाहिए।
इसके कुछ ही मिनट बाद भाजपा , विशेष रूप से मध्य प्रदेश के पार्टी के सदस्य जूट बोरों की मांग पर आसन के समक्ष आ गए। मुखर्जी ने जवाब देने की बात कहकर उन्हें शांत कराने का प्रयास किया तो वे अपनी सीटों पर चले गए। लेकिन काफी खिन्न नजर आ रहे मुखर्जी ने कहा कि विपक्षी सदस्य लगातार दूसरे दिन मामले को उठा रहे हैं।
मुखर्जी की कुछ टिप्पणियों को लेकर स्थिति बिगड़ गयी और आक्रोशित भाजपा सदस्य फिर से आसन के समक्ष आ गए और विपक्ष के कड़े तेवरों के बीच अध्यक्ष ने बैठक दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, May 10, 2012, 14:06