Last Updated: Wednesday, February 29, 2012, 13:06
नई दिल्ली : राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केंद्र (एनसीटीसी) को लेकर कई गैर कांग्रेस शासित राज्यों की ओर से विरोध के बीच केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने बुधवार को विश्वास जताया कि राज्यों के आला अफसरों के साथ होने वाली बैठक में कोई नतीजा निकल आएगा।
चिदंबरम ने यहां संवाददाताओं से कहा कि केंद्रीय गृह सचिव ने राज्यों के पुलिस महानिदेशकों, आतंकवाद रोधी दस्तों के प्रमुखों, मुख्य सचिवों और गृह सचिवों की बैठक बुलाई है। मुझे यकीन है कि बैठक में एनसीटीसी को लेकर कोई नतीजा निकल आएगा। यह पूछने पर कि क्या वह इस सिलसिले में राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक भी बुलाएंगे, चिदंबरम ने कहा कि यह सब कुछ केंद्रीय गृह सचिव द्वारा बुलाई गई बैठक के निष्कर्ष पर निर्भर करेगा।
एनसीटीसी के अधिकारों को लेकर किए गए सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि एनसीटीसी के पास कार्रवाई की क्षमता होनी ही चाहिए क्योंकि इसके बिना वह आतंकवाद से जुडे मामलों को निपटाने में मुश्किल का सामना करेगा। उसके पास गिरफ्तारी का अधिकार अवश्य होना चाहिए।
गृह मंत्री ने बताया कि यह प्रावधान किया गया है कि जैसे ही किसी व्यक्ति को एनसीटीसी गिरफ्तार करे, उसे निकटवर्ती थाने को सौंप दिया जाए और फिर संबद्ध थानेदार मामले को अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत दर्ज करे। यदि एनसीटीसी को गिरफ्तारी का अधिकार नहीं दिया गया तो वह आतंकवाद से जुडे मामलों में कोई कार्रवाई नहीं कर सकेगी और इसके लिए उसे किसी दूसरी एजेंसी पर निर्भर करना पड़ेगा।
First Published: Wednesday, February 29, 2012, 18:36