Last Updated: Thursday, April 19, 2012, 10:53
बीजिंग/नई दिल्ली : चीन के सरकार संचालित अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अग्नि-5 के प्रक्षेपण की निन्दा करते हुए दावा किया कि चीन की परमाणु ताकत अधिक ‘मजबूत तथा विश्वसनीय’ है और नई दिल्ली के पास मुकाबला करने का ‘कोई अवसर नहीं है।’अपने एक आलेख में अखबार ने कहा है कि हथियारों के मामले में चीन के आगे भारत कहीं भी नहीं ठहरता है। इस परीक्षण से भारत को कुछ भी हासिल नहीं होगा, चूंकि भारत के मुकाबले चीन का परमाणु कार्यक्रम मजबूत और उन्नत है।
गौर हो कि भारत ने गुरुवार को परमाणु क्षमता से लैस अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि पांच का सफल परीक्षण किया जिसकी मारक क्षमता पांच हजार किलोमीटर है और यह चीन तक मार कर सकती है।
सतह से सतह तक मार करने वाली अग्नि पांच को ओड़िशा तट पर व्हीलर द्वीप से मोबाइल प्लेटफार्म के जरिए सुबह आठ बजकर सात मिनट पर प्रक्षेपित किया गया। इसके साथ ही भारत उन पांच देशों के विशिष्ट समूह में शामिल हो गया जिनके पास अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें हैं।
वहीं, भारत द्वारा अग्नि-5 मिसाइल का परीक्षण किए जाने पर सधी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चीन ने गुरुवार को कहा कि दोनों देश प्रतिद्वंद्वी नहीं हैं और उनके बीच ‘अच्छे’ संबंध हैं। हालांकि, चीनी प्रतिष्ठान का मानना है कि इस प्रक्षेपण से क्षेत्र में हथियारों की दौड़ का एक और दौर शुरू हो सकता है।
अग्नि-5 के परीक्षण के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिउ वेमिन ने बीजिंग में मीडिया से कहा कि चीन ने भारत के मिसाइल प्रक्षेपण का संज्ञान लिया है। दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स सम्मेलन (दिल्ली में हाल में आयोजित) के दौरान नेतृत्व ने संबंधों तथा द्विपक्षीय सामरिक सहयोग भागीदारी को आगे ले जाने पर सहमति जताई थी।
दिल्ली स्थित चीनी दूतावास में राजनयिक सूत्रों ने कहा कि ‘अग्नि-5 के परीक्षण से विश्व के इस हिस्से में हथियारों की दौड़ का एक और दौर शुरू हो सकता है। उन्होंने परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम एवं पांच हजार किलोमीटर की दूरी तक निशाना साधने की क्षमता रखने वाली अग्नि-5 मिसाइल के बारे में मीडिया में हुई टिप्पणियों की निंदा की और इसे भड़काउ बताया।
यह पूछे जाने पर कि क्या चीन चिंतित है क्योंकि देश का अधिकांश हिस्सा अग्नि-5 की जद में होगा, लिउ ने बीजिंग में कहा कि ‘‘दोनों देश उभरती शक्तियां हैं। हम प्रतिद्वंद्वी नहीं हैं । हम सहयोगात्मक भागीदार हैं। मेहनत से हमने सहयोग का जो माहौल तैयार किया है, उससे हमें लाभ उठाना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या इससे क्षेत्रीय स्थिरता प्रभावित होगी, लिउ ने कहा कि हम आशा करते हैं कि एशियाई देश शांति एवं स्थिरता में योगदान दे सकते हैं।
उधर, चीन के सरकार संचालित अखबार ग्लोबल टाइम्स ने प्रक्षेपण की निन्दा करते हुए दावा किया कि चीन की परमाणु ताकत अधिक ‘मजबूत तथा विश्वसनीय’ है और नई दिल्ली के पास मुकाबला करने का ‘कोई अवसर नहीं है।’अपने एक आलेख में अखबार ने कहा है कि हथियारों के मामले में चीन के आगे भारत कहीं भी नहीं ठहरता है। इस परीक्षण से भारत को कुछ भी हासिल नहीं होगा, चूंकि भारत के मुकाबले चीन का परमाणु कार्यक्रम मजबूत और उन्नत है।
उधर, चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के प्रभावशाली अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि भारत को अपनी ताकत का ज्यादा आकलन नहीं करना चाहिए। यद्यपि उसके पास ऐसी मिसाइलें हैं जो चीन के अधिकांश हिस्सों तक पहुंच सकती हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उसे चीन के साथ विवाद के दौरान अहंकारी होने से कोई लाभ मिलेगा। चीन के साथ विवाद वाले देशों पर हमलों के लिए जाने जाने वाले दैनिक ने कहा कि भारत को यह स्पष्ट हो जाना चाहिए कि चीन की परमाणु शक्ति ज्यादा मजबूत एवं विश्वसनीय है। ‘इंडिया बीइंग स्वेप्ट अवे बाई मिलिटरी डिल्यूजन’ शीषर्क वाले संपादकीय में अखबार ने कहा है, ‘भारत के पास निकट भविष्य के लिए कोई अवसर नहीं होगा ।’
अखबार की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन से विवादित मुद्दों पर इस परीक्षण से भारत को कोई फायदा नहीं होगा। इसने कहा, ‘भारत को अपने पश्चिमी सहयोगियों के महत्व को भी ज्यादा नहीं मानना चाहिए और इसे चीन के साथ संयम बरतकर लाभ मिल सकता है। यदि यह चीन की क्षमता के साथ लंबी दूरी की सामरिक मिसाइलों से बराबरी करता है और दुश्मनी को आगे बढ़ाता है तो यह उसकी बड़ी गलती हो सकती है।’ अखबार ने कहा कि भारत मिसाइल प्रौद्योगिकी के विकास में तेजी से आगे बढ़ा है।
(एजेंसी)
First Published: Friday, April 20, 2012, 11:11