Last Updated: Friday, July 26, 2013, 13:03

नई दिल्ली : रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने शुक्रवार को कहा कि भारत और चीन के बीच की ‘विवादित’ वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी के पास दोनों देशों की सेनाओं के बीच आमने-सामने की ‘शर्मनाक’ स्थिति को रोकने के लिए दोनों देश एक प्रभावी तंत्र विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं।
दौलत बेग ओल्डी के देप्सांग घाटी में दोनों पक्षों के बीच 21 दिनों तक चले गतिरोध को ‘असामान्य’ घटना करार देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए दोनों देश जल्द ही बीजिंग में मुलाकात करेंगे और इस तरह की ‘अप्रिय घटनाओं’ का हल ढूढ़ने का प्रयास करेंगे।
कारगिल विजय दिवस की 14वीं वषर्गांठ पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि सीमा विवाद के पूरी तरह सुलझ जाने तक इस तरह की छिटपुट घटनाओं को रोकने के लिए हम एक प्रभावी तंत्र बनाने का प्रयास कर रहे हैं। एलएसी में कई क्षेत्र ऐसे हैं, जो विवादित हैं और दोनों ही पक्ष उसकी निगरानी करते हैं। इसलिए कभी कभार दोनों के बीच आमने सामने के हालात पैदा हो जाते हैं। रक्षा मंत्री से उत्तर पूर्वी सेक्टर और लद्दाख में एलएसी से सटे भारतीय क्षेत्र में चीनी सेना की बढ़ती घुसपैठ की घटनाओं पर सवाल किया गया था।
एंटनी ने कहा कि वहां कुछ विवादित क्षेत्र हैं जहां दोनों ही सेनाएं जाती हैं, जिससे कुछ एक बार इस तरह की स्थितियां पैदा हो जाती है। उन्होंने कहा कि अप्रैल में देप्सांग की घटना के बाद भारत और चीन ने ‘स्वतंत्र और खुलकर’ बात की है और हम सीमा कर्मियों की अधिक बैठकें कराने और इस तरह की अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए एक प्रभावी तंत्र बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
एंटनी ने कहा कि दोनों ही पक्ष लंबे अर्से से लंबित सीमा विवाद का दीर्घ कालिक समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं। हमारा मकसद इस बीच सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए रखना है। रक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों के संयुक्त कार्य समूह के बीच हाल ही में हुई तीसरी बैठक में काफी खुलकर चर्चा हुई।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर हम जल्द ही बीजिंग में अगले दौर की चर्चा करने जा रहे हैं। इसलिए, मुझे लगता है कि हम सीमा पर इस तरह की अप्रिय घटनाओं का समाधान खोजने में सक्षम होंगे। गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से लद्दाख में घुसपैठ की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जहां चीनी सेना भारतीय सीमा के काफी भीतर तक घुस गई और वापस अपने क्षेत्र में लौटने से पहले वहां कई घंटों तक रकी रही।
ऐसी ही एक घटना में 16-17 जुलाई को घोड़ों और खच्चरों पर सवार चीनी सेना लद्दाख के चुमर क्षेत्र में घुस आई थी। उस क्षेत्र पर अपना दावा पेश करते हुए उन्होंने भारतीय बलों से ही वहां से हटने की मांग की थी।
बीते दो सप्ताह में ही इस क्षेत्र में चीनी सेना पांच बार घुसपैठ कर चुकी है और बीते सात महीनों की अगर बात करें तो इस दौरान ऐसी करीब 150 घटनाएं हो चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि विवाहित आवास परियोजना के तहत सैन्य बलों के लिए 1.99 लाख घर बनाए जाएंगे। इसमें से 50 फीसद आवासों का निर्माण पूरा हो चुका हैं। सैन्य बलों में रैंक और वेतन मुद्दे पर रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस मामले पर महाधिवक्ता की ‘अंतिम राय’ के लिए उनके पास भेज दिया है। (एजेंसी)
First Published: Friday, July 26, 2013, 10:48