Last Updated: Wednesday, April 24, 2013, 00:00

ज़ी मीडिया ब्यूरो/एजेंसी
नई दिल्ली : घुसपैठ मुद्दे का हल निकालने के लिए मंगलवार को हुई दूसरी फ्लैग मीटिंग बेनतीजा रही। इस बात की अब पूरी संभावना है कि भारत सुरक्षा के लिए इस क्षेत्र में सेना के जवानों को भेजेगा क्योंकि चीनी पक्ष ने इसे अपने क्षेत्र का हिस्सा बताते हुए इसे छोड़कर जाने से इनकार किया।
चुसुल सेक्टर के ‘स्पांग्गुर गैप’ में दोनों पक्षों के ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारियों की बैठक हुई और भारत ने चीनी पक्ष से दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) क्षेत्र छोड़कर जाने और पुरानी स्थिति बनाने के लिए कहा। सूत्रों ने यहां कहा कि बैठक बेनतीजा रही क्योंकि चीनी पक्ष ने क्षेत्र छोड़कर जाने से इंकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि चीनी पक्ष का कहना है कि यह क्षेत्र जहां चौकी बनाई गई है वह उसके क्षेत्र का हिस्सा है। सूत्रों ने कहा कि भारत इस मुद्दे के समाधान के लिए इस तरह की अन्य बैठकों के लिए कह सकता है। यह बैठक तीन घंटे से अधिक समय तक चली और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सहमति वाली स्थिति की जानकारी दोनों पक्षों द्वारा साझा की गई। चीनी सैनिकों के एक शिविर स्थापित करने का पता चलने के तुरंत बाद भारतीय सेना ने इससे पहले पहाड़ी युद्ध में विशेषज्ञ ‘लददाख स्काट्स’ का एक दल दौलत बेग ओल्डी सेक्टर भेजा था। इस विशेष दल में आईटीबीपी के जवान शामिल होते हैं।
सूत्रों ने आज यहां कहा कि अगर स्थिति नहीं सुधरती है और चीनी सैनिक अपने पुराने स्थान पर नहीं लौटते हैं तो क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती हो सकती है। गौरतलब है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की एक टुकड़ी ने 15 अप्रैल की रात को डीबीओ सेक्टर में भारतीय सीमा के 10 किलोमीटर अंदर एक शिविर स्थापित किया था। चीन के दल ‘चाइनीज आर्मी प्लाटून’ में सामान्यत: करीब 50 सैनिक होते हैं।
भारत और चीन ने क्षेत्र में घुसपैठ की खबर मिलने के बाद आज दूसरे दौर की फ्लैग मीटिंग की और भारत ने चीनी पक्ष से पुरानी स्थिति पर लौटने के लिए कहा। इस तरह की पहली बैठक 18 अप्रैल को हुई थी। आईबीपी सैनिकों ने चीनी शिविर के सामने करीब 300 मीटर की दूरी पर एक शिविर बनाया है और हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
First Published: Wednesday, April 24, 2013, 00:00