Last Updated: Monday, January 2, 2012, 15:10
ज़ी न्यूज ब्यूरो नई दिल्ली/बीजिंग : शंघाई की एक अदालत के बाहर हमले के कारण एक भारतीय राजनयिक बेहोश हो गए और फिर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। भारत सरकार ने इसको लेकर चीन के अधिकारियों के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
भारतीय राजनयिक 46 वर्षीय एस. बालाचंद्रन शंघाई के निकट युवू शहर की एक अदालत में 31 दिसंबर को पेश हुए थे। मधुमेह के मरीज बालाचंद्रन को अदालती कार्यवाही पूरी होने तक बाहर जाने की इजाजत नहीं दी गई। अदालत में बड़ी संख्या में चीनी कारोबारियों ने एक भारतीय राजनयिक पर हमला बोल दिया, जिसमें वह घायल हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भारतीय राजनयिक दो भारतीयों को रिहा कराने का प्रयास कर रहे थे, जिन्हें स्थानीय लोगों ने बंधक बनाया हुआ था। ये कारोबारी यिवू में भारतीयों से अपने बकाए की मांग कर रहे थे।
शंघाई में भारतीय वाणिज्य दूतावास में राजनयिक एस बालाचंद्रन पर भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद वह बेहोश हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। भीड़ ने बालाचंद्रन से चिपटे भारतीयों को खींचने का प्रयास किया था।
अधिकारियों का कहना है कि बालाचंद्रन की हालत बिगड़ने के बाद उन्हें एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। भारतीय राजनयिक दो भारतीय कारोबारियों के अपहरण के मामले में अदालत में पेश हुए थे। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए भारत सरकार ने बीजिंग, शंघाई और दिल्ली में चीन के अधिकारियों के समक्ष विरोध दर्ज कराया। दिल्ली में चीनी दूतावास के उप प्रमुख झांग यूए को विदेश मंत्रालय ने तलब किया और उनसे कहा कि किसी भी राजनयिक के साथ व्यवहार करने का यह तरीका नहीं है।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि झांग को बताया गया कि बालाचंद्रन मधुमेह के मरीज हैं और ऐसे में उन्हें खाने और आनेजाने की इजाजत दी जानी चाहिए थी। विदेश मंत्रालय से बाहर निकलते समय झांग ने कहा कि यह नागरिक-वाणिज्यिक विवाद है। हम इस मामले को सही ढंग से निपटाने का पूरा प्रयास करेंगे। मैंने यहां के अधिकारियों से इस घटना के बारे में सुना। हम वास्तविक स्थिति के बारे में पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं। शंघाई में भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने स्थानीय अधिकारियों के समक्ष शिकायत दर्ज कराई। बीजिंग में भारतीय दूतावास की ओर से भी ऐतराज जताया गया है।
भारतीय राजनयिक दो भारतीयों को रिहा कराने का प्रयास कर रहे थे, जिन्हें स्थानीय लोगों ने बंधक बनाया हुआ था। ये कारोबारी यिवू में भारतीयों से अपने बकाये की मांग कर रहे थे। इससे पहले शंघाई में वाणिज्य दूत रीवा गांगुली दास ने बताया कि बालाचंद्रन दो भारतीय कारोबारियों दीपक रहेजा और श्यामसुंदर अग्रवाल को रिहा कराने गए थे और इस दौरान उनके साथ बदसलूकी की गई। उनके मुताबिक वहां मौजूद भीड़ ने रहेजा और अग्रवाल को घूंसे मारे और उन्हें बालाचंद्रन से छुड़ा लिया।
इस दौरान बालाचंद्रन बेहोश हो गए। स्थानीय अधिकारियों ने बालाचंद्रन से इस घटना के लिए माफी मांगी है। दास ने बताया कि बालाचंद्रन की हालत अब ठीक है और उनके विभिन्न टेस्ट कराए जा रहे हैं।
First Published: Tuesday, January 3, 2012, 13:14