Last Updated: Monday, November 21, 2011, 14:09
नई दिल्ली : भारत ने चीन के साथ प्रस्तावित समझौतों से कमजोरी प्रदर्शित होने की बात को खारिज करते हुए सोमवार को कहा कि इस कदम का मकसद दोनों के समान एजेंडा पर काम करने के लिए प्रणाली तय करना है। विदेश सचिव रंजन मथाई ने पहले भी इस तरह की व्यवस्थाओं का जिक्र करते हुए कहा कि अतीत में इन्होंने काम किया है।
मथाई ने कहा कि चीन के साथ हमारी बातचीत में सहमतियां, जिनका आप जिक्र कर रहे हैं, हमारी कमजोरी की भावना को प्रदर्शित नहीं करतीं बल्कि यह दिखाती हैं कि हमें अपनी सीमा पर स्थिर प्रणालियों की जरूरत है ताकि उन इलाकों में चीन के साथ समान एजेंडे पर काम कर सकें जो हमारे लिए उपयुक्त है।
मथाई यहां ‘एशिया में स्थिरता की ओर’ विषय पर इदसा की सेमिनार के दौरान सवालों का जवाब दे रहे थे। भारत चीन के साथ एक सीमा प्रणाली समझौते पर दस्तखत करने जा रहा है जिसमें दिल्ली और बीजिंग में मुख्यालय सीधे संपर्क में रहेंगे। इसका मकसद सीमा पर स्थानीय समस्याओं को रोकने का है।
तिब्बत में चीनी सेना के बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण पर टिप्पणी करते हुए मथाई ने कहा कि भारत पूर्वोत्तर में भी अपने ढांचे का निर्माण कर रहा है। उन्होंने कहा कि चीन और भारत के मुद्दों पर मुझे लगता है कि हम अपने बुनियादी ढांचे के निर्माण की प्रक्रिया में हैं।
First Published: Monday, November 21, 2011, 22:07