Last Updated: Saturday, December 1, 2012, 21:37
नई दिल्ली : बीजिंग स्थित एक प्रमुख संस्था के विचारक का मानना है कि चीन क्षेत्रीय विवाद को सुलझाना चाहता है लेकिन देश के नेतृत्व में इसका समाधान निकालने की समझ की कमी है।
चाइना इंस्टीट्यूट आफ कंटेम्प्ररी इंटरनेशनल रिलेशन (सीआईसीआईआर) के शिष्टमंडल प्रमुख फेंग शांगपिंग ने यहां एक सम्मेलन के दौरान कहा, हम भारत के साथ सीमा विवाद समेत सभी क्षेत्रीय विवादों को सुलझाना चाहते हैं। चीनी नेताओं ने इन विवादों को को एक तरफ रखने का मन बनाया है क्योंकि हमारे पास इन्हें सुलझाने की समझ नहीं है। उन्होंने कहा कि चीनी सरकार भारत, जापान, वियतनाम और फिलिपीन समेत अपने पड़ोसी देशों के साथ 40.50 वषरे से क्षेत्रीय एवं सीमा विवादों को संघर्ष से बचने के प्रयास में लंबित रखे रही। शांगपिंग ने कहा, ये मामले हाल के दिनों में सामने आए है जब हमारे सहयोगियों ने इन्हें फिर उठाया है।
चीन का अपनी सीमा के पास कुछ द्वीपों को लेकर जापान के साथ विवाद चल रहा है। दक्षिण चीन सागर में क्षेत्रीय अधिकार को लेकर उसका वियतनाम के साथ संघर्ष चल रहा है। लम्बे समय से चले आ रहे भारत.चीन सीमा विवाद के बारे में शांगपिंग ने कहा कि इन विवादों को 15.20 वर्ष पहले ही सुलझा लिया जाना चाहिए था तब इंटरनेट का अधिक उपयोग नहीं किया जाता था।
उन्होंने कहा, ‘‘हम 15.20 वर्ष पहले ऐसा आसानी से कर सकते थे, लेकिन आज इंटरनेट के जमाने में जब लोगों में जागरूकता बढ़ गई है। इस तरह के दबावों के कारण चीजें काफी जटिल हो गई हैं।’’ चीन के वैश्विक शक्ति बनने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर शांगपिंग ने कहा कि इस लक्ष्य का रास्ता अमेरिका के साथ संबंधों से शुरू नहीं होता है।
उन्होंने कहा, ‘‘ वैश्विक शक्ति बनने का चीन का लम्बा सफर भारत समेत अन्य पड़ोसी देशों के साथ संबंधों से शुरू होता है। हमें सहयोग करने की जरूरत है।’’ अपनी संतुलन की रणनीति के तहत अमेरिका का अपनी नौसेना का बडा बेड़ा भारत में तैनात करने की योजना के बारे में पूछे जाने पर शांगपिंग ने कहा कि यह पूरी तरह से व्यवसायिक उद्देश्यों के लिए हो सकता है क्योंकि इस क्षेत्र में तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाएं हैं। (एजेंसी)
First Published: Saturday, December 1, 2012, 21:37