Last Updated: Sunday, January 8, 2012, 17:48
स्वाति चतुर्वेदी नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती और बसपा के जनमत प्रतीक की मूर्तियां हाथी को राज्य विधानसभा चुनाव खत्म होने तक कपड़े से ढकने के चुनाव आयोग के महत्वपूर्ण आदेश के एक दिन बाद मुख्य निर्वाचन आयुक्त एसवाई कुरैशी ने कहा कि चुनाव आयोग 'तटस्थ अंपायर' की भूमिका है।
कुरैशी ने विशेष रूप से ज़ी न्यूज से कहा, चुनाव आयोग ने संविधान और चुनाव आचार संहिता का अनुपालन करते हुए मूर्तियों को कवर किया है।
उन्होंने कहा, हमें मूर्तियों से कोई परेशानी नहीं है। मूर्तियों से किसी को भी राजनीतिक लाभ नहीं मिलना चाहिए।
सीईसी ने कहा, मूर्तियां सरकारी खर्च के साथ सरकारी जमीन पर बनाई गई। इसलिए किसी भी राजनीतिक दल को चुनाव प्रचार में सरकारी संपत्ति के इस्तेमाल का अधिकार नहीं है।
कुरैशी ने कहा कि निर्वाचन आयोग चुनाव मैदान में कोई भी पार्टी चुनाव आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करती है तो उस पार्टी को चुनाव आयोग का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा, यह चुनाव आयोग के कर्तव्य का हिस्सा भी है।
डीजीपी बृज लाल और प्रमुख सचिव (गृह) कुंवर फतेह बहादुर के तबादले के फैसले पर उन्होंने कहा, आम लोगों में ऐसी धारणा है कि अधिकारियों की पदोन्नति अपने उच्च राजनीतिक कनेक्शन की वजह से मिली थी।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान भी मुख्य सचिव, गृह सचिव और डीजीपी को स्थानांतरित कर चुके हैं।
इस बीच, राज्य प्रशासन ने उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती और बसपा जनमत प्रतीक, हाथी की मूर्तियों पर कवर डालना शुरू कर दिया है।
First Published: Monday, January 9, 2012, 11:23