चुनाव के लिए कमर कस ले पार्टी और सरकार : सोनिया

चुनाव के लिए कमर कस ले पार्टी और सरकार : सोनिया

चुनाव के लिए कमर कस ले पार्टी और सरकार : सोनियासूरजकुंड (हरियाणा) : सुधार कार्यक्रमों के प्रतिकूल राजनीतिक प्रभाव और घोटालों के आरोपों से चिंतित कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को पार्टी और सरकार से कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में फिर से जनादेश हासिल करने के लिए वह कमर कस लें।

सोनिया गांधी द्वारा सरकार को यह सीधा संदेश दिया गया कि यह पार्टी है जो इसे सत्ता में लाती है और जो लोग सरकार में हैं उन्हें संगठन की कठिनाइयों को समझना चाहिए।

कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की आज यहां हुई संवाद बैठक में सरकार और संगठन के बीच बेहतर तालमेल की दिशा में पहले कदम के तौर पर पार्टी प्रमुख ने विशिष्ट कार्यों के लिए समन्वय समूह और उप समूह गठित करने की घोषणा की।

सोनिया ने दिन भर चली बैठक में अपने समापन भाषण में कहा, ‘अब जब लोकसभा चुनाव में डेढ़ साल बचा है, सरकार और पार्टी दोनों को मिल कर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमें फिर से जनादेश मिले। सोनिया का स्पष्ट संदेश बेहतर समन्वय और पार्टी तथा सरकार के बीच समझ की आवश्यकता था।

उन्होंने कहा,‘कांग्रेस कार्यकर्ता के नाते हम एक ही परिवार के सदस्य हैं। यह स्वभाविक है कि कभी-कभी ऐसे अवसर आ सकते हैं जब हम पार्टी और सरकार की जिम्मेदारियों के बीच संतुलन की आवश्यकता महसूस करें।

कड़े आर्थिक सुधारों को लेकर सरकार द्वारा हाल ही में उठाये गए कदमों के प्रतिकूल प्रभाव का मुकाबला करने के संदर्भ में बैठक में अनेक नेताओं ने प्रति परिवार रसोई गैस के छह सिलेंडर की संख्या बढाकर बारह करने की मांग की और साथ ही लोक लुभावन बजट पेश करने पर जोर दिया जिसमें सभी वर्गों के लिए आयकर में छूट के प्रावधान पर जोर दिया।

बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त पी. चिदम्बरम ने देश के समक्ष मौजूदा आर्थिक चुनौतियों की चर्चा की ओर इससे निपटने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों पर प्रकाश डाला।

बैठक में कुछ नेताओं ने विकास दर पर अत्यधिक जोर दिए जाने पर भी अप्रसन्नता जताई। एक नेता का कहना था कि आम आदमी ‘जीडीपी ग्रोथ’ के आंकड़ों को नहीं समझ पाता है।

समझा जाता है कि रक्षा मंत्री एक के एंटनी ने बैठक में देश की प्राकृतिक संपदाओं से जिस तरीके से निपटा जा रहा है उस पर चिंता जताई। छह घंटे से ज्यादा समय तक चली इस बैठक के लिए 70 नेताओं को आमंत्रित किया गया था जिसमें से 66 नेताओं ने इसमें हिस्सा लिया। चार नेता विभिन्न कारणों से बैठक में हिस्सा नहीं ले पाए। बैठक में 40 से ज्यादा नेताओं ने अपनी बात रखी।

सोनिया ने अपने प्रारंभिक भाषण में कहा कि पार्टी के जो साथी सरकार में हैं उन्हें 2009 के घोषणा पत्र के अधूरे कामों को पूरा करने के लिए जी जान से जुट जाना होगा। उन्होंने 2014 के आमचुनाव की चर्चा करते हुए कहा कि हमारे पास अगले लोकसभा चुनाव के लिए करीब 18 महीने हैं हमें इस चुनौती के लिए तैयार हो जाना है। उन्होंने पार्टीजनों से कहा कि उन्हें विरोधियों के झूठे प्रचार का सख्ती से जवाब देना है।

राहुल गांधी ने शासन में व्यापक पारदर्शिता की वकालत की और राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि समय-समय पर पार्टी के सामने चुनौतियां आती रही हैं और पार्टी ने कामयाबी से उनका मुकाबला किया है। कोई वजह नहीं है कि अब वह इन चुनौतियों का मुकाबला नहीं कर पाएगी। (एजेंसी)

First Published: Friday, November 9, 2012, 13:06

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