Last Updated: Saturday, December 24, 2011, 18:41
नई दिल्ली : कांग्रेस, भाजपा और सपा ने उत्तर प्रदेश में सात चरणों में विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा का स्वागत किया। प्रत्येक पार्टी ने अपने बल पर सत्ता में आने का दावा करते हुए चुनाव पूर्व और गठबंधनों की संभावना को खारिज किया।
वर्ष 2007 विधानसभा चुनाव में 98 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रहने वाली सपा ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता मायावती नीत बसपा सरकार से तंग आ चुकी है और वह नेतृत्व परिवर्तन चाहती है। लखनऊ में सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा, ‘हम अभी कोई गठबंधन नहीं करने जा रहे। उत्तर प्रदेश के लोग चाहे वे पिछड़ी जाति से हों या अगड़ी जातियों से उन्हें समाजवादी पार्टी को बहुमत देना चाहिए।’
भाजपा ने घोषणा का स्वागत किया लेकिन उत्तर प्रदेश में ‘खराब शासन’ के लिए बसपा पर निशाना साधा। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में यदि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति यदि बेहतर होती तो चुनाव आयोग ने सात चरण में विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा नहीं की होती।’ पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की आज घोषणा किए जाने पर भाजपा ने उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के नजदीकी नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों का तबादला किए जाने की चुनाव आयोग से मांग की। पार्टी के उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘हम चुनाव के लिए तैयार हैं। भाजपा चुनाव तिथियों का स्वागत करती है।’
कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश और चार अन्य राज्यों में विधानसभा चुनावों की घोषणा का यह कहते हुए स्वागत किया कि इन चुनावों से एक बार फिर यह बात सामने आ जाएगी कि वह ही एकमात्र अखिल भारतीय पार्टी है। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा, ‘कांग्रेस चुनाव के लिए उत्सुक है। देश के हर कोने में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराकर वह एक बार फिर दिखा देगी कि वही एकमात्र अखिल भारतीय पार्टी है।’ चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में चार से 28 फरवरी के बीच सात चरणों में विधानसभा चुनाव कराने की आज घोषणा की जबकि पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में चुनाव एक चरण में ही कराए जाएंगे।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, December 25, 2011, 00:11