चुनाव पूर्व नेता घोषित करे गठबंधन: नीतीश

चुनाव पूर्व नेता घोषित करे गठबंधन: नीतीश

चुनाव पूर्व नेता घोषित करे गठबंधन: नीतीश
पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि किसी भी गठबंधन को चुनाव के पूर्व अपना नेता घोषित कर देना चाहिए क्योंकि उसका अच्छा असर पड़ता है। पटना में आज पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश ने कहा ‘कोई भी गठबंधन अगर चुनाव के मैदान में जाता है तो उसे अपना नेता चुनाव के पूर्व घोषित कर देना चाहिए, इससे फायदा होता है इसके अनेक लाभ हैं, क्योंकि लोग भी उन्हें परखते हैं, उनके बारे में चर्चा होती है तथा उसका अच्छा असर पड़ता है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी द्वारा अपने ब्लॉग पर हाल में लिखी बातों की चर्चा करते हुए नीतीश ने कहा प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार कैसा हो (धर्मनिरपेक्ष प्रधानमंत्री) इस बारे में वे अपनी बात पूर्व में ही एक अखबार को दिए गए साक्षात्कार के दौरान रख चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश में गठबंधन का दौर अभी चलेगा और वे भी यही समझते हैं कि केंद्र में सत्तासीन गठबंधन सप्रंग की लोकप्रियता गिरी है और राजग के लिए बेहतर संभावना है।

नीतीश ने कहा कि आडवाणी जी द्वारा अपने ब्लाग में लिखी बातों का लब्बो-लुबाब यही है कि भाजपा के नेतृत्व में एक गठजोड है उसके लिए ज्यादा संभावना है। नीतीश ने कहा कि आडवाणी जी ने अपनी बात ब्लाग के माध्यम रखी है और हमलोगों को भी लगता है तथा पूरे देश की राजनीति पर नजर रखने वाले इसबात को स्वीकार करेंगे कि अब दौर एक पार्टी के शासन का नहीं है, अब गठबंधन का दौर है। उन्होंने कहा एक गठबंधन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी के नेतृत्व में चला और बहुत ही शानदार ढंग से गठबंधन की सरकार चली।

नीतीश कुमार ने कहा ‘हमलोगों ने बिहार में भी देखा है, अन्य राज्यों में भी देखा है और देश में अबतक, राजग 1999 में बना, उसके पहले अटल जी नेता थे और नाम पहले से घोषित था, तो इसका फायदा होता है और लोगों को सही निर्णय लेने में सहुलियत होती है और यह होना चाहिए’। उन्होंने कहा यही हमलोगों और हमारे दल (जदयू) की भी राय है लेकिन अभी चुनाव होने में समय है। नीतीश ने कहा कि मुझे लगता है कि देश में गठबंधन का दौर अभी जारी रहेगा और यह गठबंधन सफलतापूर्वक चले तथा सरकार स्थिर रहे इसके लिए इसबात की जरूरत होगी कि गठबंधन के सबसे बडे नेतृत्व में सरकार चले।

उन्होंने कहा कि गठबंधन अन्य प्रकार का भी हुआ है, उदाहरणस्वरूप देवगौडा जी की सरकार भी एक गठबंधन वाली सरकार थी पर उसे जो समर्थन देने वाली सबसे पार्टी सरकार के बाहर थी जिसके कारण उक्त सरकार के स्थायीत्व एवं स्थिरता पर हमेशा संकट बना रहा और स्थिर सरकार साबित नहीं हुई।

नीतीश ने कहा कि आडवाणी जी ने गैर भाजपा एवं गैर कांग्रेस सरकार की बात जिस संदर्भ में कही है और उसका उदाहरण भी दिया है कि इसतरह की सरकारें स्थिर नहीं रह पाती हैं। उन्होंने कहा कि आडवाणी जी ने अपने ब्लाग में जो बातें कही हैं वह कांग्रेस के खिलाफ है, उसकी लोकप्रियता में ह्रास हो रहा है तथा वह इसबात की ओर इंगित करता है कि उसके गठबंधन का सत्ता में दोबारा आने का सवाल नहीं है और कांग्रेस पार्टी के विरूद्ध जो पार्टी एवं गठबंधन है उसकी भविष्य में संभावना है। नीतीश ने कहा देश में अभी जो माहौल बनता जा रहा है केंद्र में जो वर्तमान में सरकार है उसकी विफलता और किसी भी परिस्थिति में उसकी अक्षमता यह सबसे बड़ा मुद्दा होगा। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, August 8, 2012, 23:59

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